अतिक्रमण हटने गई प्रशासन की टीम को ग्रामीणों ने दी आत्महत्या करने की चेतावनी

पेंड्रा। पेंड्रा जिले में प्रशासन ने शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटवाया। इस दौरान प्रशासन की टीम को ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा। बिलासपुर हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया था। मामले को बढ़ता देख पंचायत ने आनन फानन में ग्रामीणों की बैठक बुलाई है।
दरअसल बसंतपुर से अमरपुर और पेंड्रा के बीच जो सड़क बनाई गई है। जिसमें ने सड़क मद की शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर लिया है। इतना ही नहीं कुछ लोगों की निजी जमीन पर सड़क भी बना दी गई है। सड़क मद की शासकीय भूमि में लोगों ने अतिक्रमण कर लिया है। इतना ही नहीं कुछ निजी लोगों की जमीन पर सड़क बना दी गई है। जिसके बाद मामले में स्थानीय निवासी मनीष पांडेय ने हाईकोर्ट में याचिका पेश की थी। हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने जिस पर सुनवाई करते हुए फरवरी 2024 में 6 महीने के भीतर प्रकरण के निराकरण करने का निर्देश दिया था। लेकिन काफी समय बीत जाने के बाद भी अतिक्रमण नहीं हटाई गई तो एडवोकेट अच्युत तिवारी ने अवमानना याचिका दायर किया गया था। जिसमें जिले की कलेक्टर, एसडीएम और तहसीलदार को पक्षकार बनाया गया था। मामले में जस्टिस एन के व्यास ने सुनवाई करते हुए शासन को हर हाल में शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया है। जिसके बाद मौके पर सुबह से ही एसडीएम, तहसीलदार सहित पुलिस बल अतिक्रमण वाली जगह पहुंचे। वहीं अतिक्रमण हटाने पहुंचे अधिकारियों को ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा।
वहीं इस पूरे मामले में ग्रामीणों का कहना है की वह यहां पर सालों से रहते हैं। इसके लिए उन्होंने पट्टा का नियमत आवेदन भी किया था लेकिन प्रशासनिक लापरवाही के कारण आज उन्हें बेघर होना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि, अतिक्रमण के नाम पर एक ईंट भी गिराता है तो परिवार आत्महत्या कर लेगा।