नशीली दवाओं के तस्करों को 15 साल की सजा मिलने पर एसपी ने विवेचक की पीठ थपथपाई
बिलासपुर। नशे के अवैध कारोबार के खिलाफ न्यायालय ने आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई का आदेश दिया है। सुनवाई के दौरान न्यायालय ने एनडीपीएस एक्ट के तहत पकड़े गए तीन अपराधियों को 15-15 साल सश्रम कारावास और 1,50,000 रुपयों का अर्थदण्ड आदेश सुनाया है। पुलिस कप्तान से मिली जानकारी के अनुसार मामले में कोनी थाना में पदस्थ सब इंस्पेक्टर सुरेन्द्र तिवारी ने विवेचना किया था। कोर्ट ने तीनों के खिलाफ कठोर कार्रवाई का फैसला कर विवेचना को मुहर लगाया है।
एसपी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार मुखबिर से पता चला कि सफेद रंग के कार क्रमांक CG10AB-6062 में तीन व्यक्ति अवैध रूप से प्रतिबंधित नशीली दवाई का परिवहन कर रहे हैं। आरोपी कार के जरिए नशीली दवाइयां बिलासपुर से रतनपुर की तरफ लेकर जा रहे हैं। पुख्ता सूचना के बाद थाना कोनी के विवेचक सहायक उप निरीक्षक सुरेन्द्र तिवारी स्टाफ के साथ संतोष पेट्रोल पम्प के कुछ आगे कोनी में घेराबंदी की कार्रवाई को अजाम दिया।
प्राप्त सूचना के अनुसार कार क्रमांक-CG10AB-6062 में सवार तीनों रोका गया। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने अपना नाम सद्दाम खान, मोहम्मद राजिकऔर शेख सलमान बताया। आरोपियों से तलाशी के दौरान 240 नग प्रतिबंधित कोडिनयुक्त नशीली दवाई बरामद किया गया। पुलिस ने सामान समेत तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया। साथ ही कार और मोबाइल समेत नगदी 4500 रुपये जब्त किया। बरामद सामान की कीमत करीब 9 रूपये के आसपास है।
विवेचक सुरेन्द्र तिवारी ने तीनों के खिलाफ नारकोटिक्स धारा-21, 22 के तहत करने के बाद चालाना विशेष न्यायाधीश नारकोटिक्स में पेश किया। विशेष न्यायाधीश किरण त्रिपाठी ने सुनवाई के बाद तीनों आरोपियों के खिलाफ 15-15 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। सभी आरोपियों को 1,50,000- 1,50,000 रुपयों का अर्थदण्ड भी लगाया है।
पुलिस कप्तान रजनेश सिंह ने कोर्ट के फैसले और विवेचना अधिकारी सुरेन्द्र तिवारी की तारीफ की है। उन्होने कहा कि किसी भी आरोपियों को छोड़ा नहीं जाएगा। सुरेन्द्र तिवारी की विवेचना पर कोर्ट ने मुहर लगाया है। निश्चित रूप से पुलिस को इस फैसले से नई ऊर्जा मिली है। उम्मीद ही नहीं पूरा विश्वास है कि अन्य विवेचक इसे नजीर में लेकर अपनी विवेचना को अंजाम देंगे।