हथियार सप्लाई के आरोप में जेल में बंद आरोपी मेकाहारा अस्पताल में ले रहा है व्हीआईपी ट्रीटमेंट
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की सेन्ट्रल जेल में बंद आरोपियों को मिल रही सुविधाओं को लेकर सीएम विष्णुदेव साय ने नाराजगी जताई थी। सीएम की नाराजगी के बाद ईडी के आरोपियों को सामान्य बैरकों में शिफ्ट कर दिया गया। लेकिन उसी तर्ज पर हथियार सप्लाई करने के आरोपी को न्यायिक हिरासत में इलाज के बहाने वीआईपी ट्रीटमेंट दिया जा रहा है।
इस संबंध में एक वीडियो हमें मिला है। वीडियो में आरोपी मेकाहारा में अपने बिस्तर पर लेटकर आराम से मैगजीन पढ़ रहा है। इसे पुलिस ने हथियार सप्लाई के आरोप में गिरफ्तार किया था। लेकिन सांस की बीमारी बताकर 19 अक्टूबर से अंबेडकर अस्पताल मेकाहारा में भर्ती है और वीआईपी ट्रीटमेंट ले रहा है।
बताया जा रहा है कि, उसे हास्पीटल में मोबाइल का उपयोग करने की भी पूरी छूट मिली हुई है। साथ ही रिश्तेदार वगैरह दिनभर उसके साथ रहते हैं।
बता दें कि सेंट्रल जेल रायपुर में ईडी के मामलों से संबंधित आरोपियों को मिल रही वीआईपी सुविधा बंद कर दी गई है। बताया गया है कि ईडी के ये आरोपी सूर्यकांत तिवारी, अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा और समीर बिश्नोई सहित महिला आरोपी भी जेल जाने के बाद से वहां की वीआईपी बैरक में रखे गए थे, जहां इन्हें वीआईपी सुविधा मिल रही थी। अब ये सुविधा समाप्त करते हुए इन चारों को सामान्य बैरक में भेज दिया गया है। इस संबंध में जेल अधीक्षक अमित शांडिल्य का कहना है कि जेल में रोटेशन होता रहता है, लेकिन यह सुरक्षागत विषय है। इस बारे में ज्यादा बात करने से उन्होंने इनकार कर दिया। जेल के इन वीआईपी बंदियों को अब वीआईपी बैरक से हटाने के बाद इन्हें अब तक मिल रही खास सुविधाएं भी बंद हो जाएंगे। इन कैदियों को विशेष सुविधा जैसे कि घर से खाना आना, राशन आना, ड्राई फ्रूट आना, च्यवनप्राश आना, सब बंद कर दिया गया हैं। अब आरोपियों को सामान्य कैदियों की तरह खाना मिलेगा। सामान्य कैदियों की तरह ही रहना होगा। साथ ही मोबाइल फोन उपलब्ध कराने या बात करते पाए जाने सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बीते दिनों कानून व्यवस्था पर बैठक ली थी। उन्होंने सबके साथ सामान्य व्यवहार करने और बाहर और जेल के अंदर वीआईपी ट्रीटमेंट को खत्म करने के निर्देश दिए थे। जेल डीजी हिमांशु गुप्ता ने उसके बाद सख्ती की है। उसका असर है कि ईडी के आरोपियों को मिल रही सुविधाएं बंद कर दी गई हैं। साथ ही कैदियों को प्रेरक और रचनात्मक कार्यों हेतु रुझान करने के लिए रायपुर जेल रेडियो स्टेशन की स्थापना का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। इसके साथ ही ये निर्देश भी दिए गए हैं कि किसी भी बंदी को मोबाइल फोन न उपलब्ध कराया जाए। ऐसा करने पर जेल स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।