SECL की खदान से ओवरलोड कोयले की अफरा तफरी का हुआ पर्दाफाश

कोरबा। एसईसीएल की कुसमुंडा कोयला खदान में कोयले की अफरा तफरी का मामला उजागर हुआ है। इस खुलासे के दौरान पकड़ी गईं ट्रकों को पुलिस के हवाले कर दिया गया। कुसमुंडा कोयला खदान से देर रात कोयला लोड कर कुछ ट्रक खदान से बाहर निकले। इस दौरान कुसमुंडा खदान प्रबंधन के रोड सेल के अधिकारियों ने देखा और उन्हें शक हुआ कि ट्रकें ओवरलोडेड हैं। ट्रक रुकवा कर जांच की गई तो चारों ट्रकों को मिलाकर 84 टन कोयला अधिक होना पाया गया। ओवरलोडेड ट्रकों पर वैधानिक कार्यवाही पूरी करने के बाद इन्हें कुसमुंडा पुलिस के सुपुर्द किया गया है। जहां चार ट्रक चालकों पर अलग-अलग धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया गया है।
अफसरों के मुताबिक चारों ट्रक कोयला लोड कर रात को गुपचुप तरीके से खदान से बाहर निकाला जा रहा था। इनमें कोयला काफी ऊंचाई तक भरा हुआ था। शक होने पर ट्रक को वे ब्रिज में भेजा गया। दोबारा इसका वजन कराया गया, तब एक ट्रेलर में 20 टन अतिरिक्त कोयला मिला। जब सभी ट्रकों का वजन कराया गया. तब इन चारों ट्रक में कुल 84 टन कोयला अतिरिक्त मिला। इसकी लिखित सूचना कुसमुंडा खदान प्रबंधन ने पुलिस को दी।इस मामले में कुसमुंडा खदान प्रबंधन की शिकायत पर पुलिस ने ट्रक क्रमांक सीजी 10 बीटी 2153, सीजी 10 बीटी 3353, सीजी 10 बीटी 2553, और सीजी 10 बीटी 3453 को जप्त किया है। इन चारों वाहनों में कोयला अफरा तफरी के आरोप में पुलिस में मूलचंद जायसवाल, रमेश कुमार कुशवाहा, प्रवेश कुमार जायसवाल और एक अन्य ड्राइवर को गिरतार किया गया है। हालांकि इस गड़बड़ी में वेब्रिज में मौजूद स्टाफ और नाके में ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों की मिलीभगत की आशंका है, मगर प्रबंधन ने फ़िलहाल इसकी कोई आशंका नहीं जताई है।