आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर मॉक पार्लियामेंट के आयोजन में सीएम साय ने कहा इंदिरा गांधी ने स्वार्थ के चलते घोषित किया था इमरजेंसी

रायपुर। देश में आपातकाल की घोषणा को 50 वर्ष पूरे होने के अवसर पर राजधानी रायपुर में मॉक पार्लियामेंट का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए. मुख्यमंत्री ने इस आयोजन के लिए भारतीय जनता युवा मोर्चा का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा, “आप सभी ने जिस तरह मॉक पार्लियामेंट का सजीव चित्रण किया, उसे देखकर मुझे भी पुराने समय की याद आ गई.”
लोकतंत्र पर सबसे बड़ा हमला बताते हुए कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपने स्वार्थ के चलते आपातकाल की घोषणा की थी. उन्होंने कहा, “इसे हम संविधान हत्या दिवस के रूप में याद कर रहे हैं. उस दौर में मेरे बड़े पिता जी भी जेल में बंद थे.”
मुख्यमंत्री साय ने बताया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंदिरा गांधी को चुनाव में गड़बड़ी का दोषी ठहराया था और उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी थी. इसके बाद राजनीतिक अस्थिरता और आंतरिक अशांति का हवाला देकर देशभर में आपातकाल थोप दिया गया. उस समय नागरिकों के मौलिक अधिकार खत्म कर दिए गए थे. प्रेस पर सेंसरशिप लगा दी गई थी और हजारों विपक्षी नेताओं को जेल में डाल दिया गया था,”।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उस दौर में कई जनहितकारी योजनाओं को बंद कर दिया गया था. “जो योजनाएं हम पहले शुरू किए थे, उन्हें कांग्रेस ने रोक दिया था. अब हमारी सरकार बनने के बाद उन्हें फिर से लागू किया गया है,”। मुख्यमंत्री ने सफल आयोजन के लिए युवा मोर्चा के पदाधिकारियों और सभी प्रतिभागियों को बधाई और धन्यवाद दिया।