अमरपुर-चिरमिरी सड़क चौड़ीकरण का काम 9 साल से अटका, फॉरेस्ट क्लीयरेंस नहीं मिलने के कारण,

कोरिया जिला अमरपुर-चिरमिरी, गेल्हापानी लक्ष्मण झरिया सड़क की मरम्मत पी,डब्ल्यू,डी द्वारा 3 साल में दो बार करवाई हो चुकी है, इसके बावजूद भी सड़क की डामर उखड़ रही है. सड़क कई जगह पर साइड से टूट चुकी है, जिससे घाट के माेड़ पर वाहन चालकों को दिक्कत हो रही है. घाट और पहाड़ वाली संकरी सड़क टूटने से वाहनों चालकों के साथ हादसे का खतरा भी बना रहता है. कई जगह सड़क के बीच गड्ढे भी हो चुके हैं. ये हालात तब हैं जब इस संकरी सड़क पर भारी वाहनों का दबाव भी नहीं रहता है.कौन सी क्लीयरेंस नहीं मिल पा रही है
बता दें कि फाॅरेस्ट क्लीयरेंस नहीं मिलने के कारण सड़क चौड़ीकरण का प्रयास 9 साल से अटका है. इसमें 6 किलोमीटर सड़क का निर्माण पूरा कर लिया गया है, जबकि 9 किमी सड़क का निर्माण अधूरा है. 15 किमी सड़क का कार्य 2014-15 में करीब 15 करोड़ की लागत शुरू किया गया था. अब साल-साल गुजरने से इस सड़क निर्माण की लागत में भी वृद्धि हो रही है.
बीते 9 सालों में पीडब्ल्यूडी को फाॅरेस्ट क्लीयरेंस नहीं मिल रही है जिससे सड़क निर्माण की लागत में लगातार वृद्धि हो रही है. वहीं दूसरी ओर लोगों को भी आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बैकुंठपुर-चिरमिरी के बीच सड़क बन जाने से करीब 20 किमी की दूरी कम हो जाएगी. इसके साथ ही आए दिन होने वाली दुर्घटना में भी कमी आएगी.
सड़क पर सीधी चढ़ाई, चौड़ीकरण बेहद जरूरी
सीधी चढ़ाई होने के कारण सड़क का चौड़ा होना बेहद जरूरी है. बैकुंठपुर-चिरमिरी सड़क निर्माण शुरू होने से लोगों को उम्मीद थी कि जिला मुख्यालय के बीच की दूरी कम होगी और आवागमन में लाभ मिलेगा. ऐसा माना जा रहा था कि कम दूरी तय कर आसानी से दुर्घटना रहित आवागमन किया जा सकेगा, लेकिन ऐसा होता दिख नहीं रहा है.
30 लाख रुपए से हुआ था मरम्मत कार्य,ग्राम अमरपुर से चिरमिरी पहुंच सड़क मार्ग का डामरीकरण 3 साल पहले 30 लाख रुपए से किया गया था. ठेकेदार की मनमानी के कारण मरम्मत कार्य में लापरवाही बरती गई. दोबारा मरम्मत कार्य हुआ पर इसमें भी अफसरों ने सड़क की मजबूती को लेकर ध्यान नहीं दिया, जिस कारण सड़क टूटने लगी और इसमें फिर गड्ढे हो गए हैं. जिले में व्यापार के नजरिया से यह सड़क महत्वपूर्ण है. इससे चिरमिरी-बैकुंठपुर के बीच दूरी घटेगी.9 किमी सड़क पर 90 से ज्यादा टर्निंग :
पहाड़ पर करीब 9 किमी संकरी सड़क घाट और 90 से ज्यादा घूमावदार मोड़ से भरी है, जिससे वाहन चालकों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है. सड़क से एक यात्री बस भी आती-जाती है, जिससे यहां दुर्घटना का भी डर यात्रियों को बना रहता है.