नक्सल प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों ने पुलिस फोर्स पर लगाया ड्रोन से हमला करने का आरोप
पुलिस अधिकारियों ने ग्रामीणों के आरोपों को सिरे से नकारा

सुकमा। सुकमा और बीजापुर जिले की सीमा पर बसें गांव के ग्रामीणों ने पुलिस फोर्स पर ड्रोन हमले का आरोप लगाया है। ग्रामीणों ने कुछ तश्वीरें भेजी हैं, जिसमें पूवर्ती सीआरपीएफ बेस कैंप के पास के गांवों के खेतों में ड्रोन बम के टुकड़े पाए गए हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि, पुलिस आदिवासी गांवों को निशाना बनाकर ड्रोन बम बरसा रही है। उनका कहना है कि, पुलिस नियमित रूप से तेकुलगुडा- जगरगोंडा पुलिस थाने क्षेत्र में आने वाले कोंडापल्ली, गुंडम पुवर्थी और भट्टीगुडा गांवों पर ड्रोन हमले कर रही है। इस मामले पर SP ने कहा कि, हमें कोई जानकारी नहीं है।
जगरगुंडा और टेकलगुडेम क्षेत्र में बसे पूवर्ती, गुंडम, भट्टीगुड़ा के ग्रामीणों ने पुलिस फोर्स पर ड्रोन बम से हमले का आरोप लगाया है। ग्रामीणों का कहना है कि, शुक्रवार रात अलग-अलग ठिकानों पर ड्रोन से बम गिराए गए हैं। हालांकि, इस बमबारी में किसी को कोई चोट नहीं आई है। गांव वालों ने हमारे संवादाता को तस्वीरें भेजीं हैं, जो कि, फटे हुए बम के अवशेष हैं और करीब 1 से डेढ़ फीट का गड्ढा है। ग्रामीणों का कहना है कि बमबारी से गांव के लोगों में काफी दहशत है।
बता दें कि पूवर्ती गांव नक्सली कमांडर हिड़मा का गृहगांव है। हालांकि यहां पुलिस का संयुक्त कैंप स्थापित हो गया है जिसके बाद से इस इलाके से नक्सली थोड़े बैकफुट भी हुए हैं। इस पूरे क्षेत्र में नक्सलियों की बटालियन नंबर 1 सक्रिय है। जिसका कमांडर पहले हिड़मा था, लेकिन हिड़मा के सेंट्रल कमेटी मेंबर बनने के बाद अब देवा इस बटालियन को लीड कर रहा है।
इस मामले को लेकर बस्तर आईजी सुदरराज पी. ने इस प्रकार की किसी भी कार्यवाही से इंकार करते हुए कहा कि नक्सलियों के आधार इलाकों में कैंप के खुलने के बाद नक्सली गतिविधियों में विराम लग गया है। इससे बौखलाये नक्सली अपने वजूद को बनाये रखने के लिए इस तरह के निर्रथक-अर्नगल आरोप इससे पहले भी लगाते रहते हैं।
वहीं सुकमा के एसपी किरण चव्हाण ने कहा कि, यह आरोप गलत हैं और फिलहाल हमें बमबारी की कोई जानकारी नहीं है। मामला क्या है, हम इसका पता लगवा रहे हैं।