सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी शर्तों के साथ दी सौम्या चौरसिया को अंतरिम जमानत, हालांकि एसीबी-ईओडब्ल्यू में दर्ज प्रकरणों की वजह से उन्हें फिलहाल जेल में ही रहना होगा
रायपुर। सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ के कोयला घोटाले में लंबे समय से जेल में बंद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पूर्व OSD सौम्या चौरसिया को बड़ी राहत दी है। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में SC ने सौम्या चौरसिया को सर्शत अंतरिम जमानत दी है। हालांकि एसीबी-ईओडब्ल्यू में दर्ज प्रकरणों की वजह से उन्हें फिलहाल जेल में ही रहना होगा।
मिली जानकारी के मुताबिक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में SC ने सौम्या चौरसिया को सर्शत अंतरिम जमानत दी है। जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट ने कई कड़ी शर्तें लगाई हैं। इनमें प्रमुख शर्तों में सौम्या को छत्तीसगढ़ सरकार बहाल ना करे, सौम्या गवाहों को प्रभावित नहीं करेंगी। ट्रायल कोर्ट के सामने पेश होती रहेंगी। पासपोर्ट ट्रायल कोर्ट के पास जमा रहेगा, बिना कोर्ट की अनुमति के देश नहीं छोड़ेंगी।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जवल भुईयां की पीठ में सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। सौम्या के वकील फैजल रिजवी ने बताया कि, यह जमानत सौम्या को ईडी में दर्ज प्रकरण पर मिली है। एसीबी और ईओडब्ल्यू में दर्ज प्रकरणों पर हाईकोर्ट में जमानत याचिका लगाई है। जिस पर जल्द सुनवाई हो सकती है।
उल्लेखनीय है कि, राज्य प्रशासनिक सेवा की अफसर सौम्या चौरसिया निलंबित IAS समीर बिश्नोई, रानू साहू और दो साल से जेल में हैं। कोयला लेवी के मामले में ईडी ने सबसे पहले आरोपियों के ठिकानों पर छापे मारे थे। इसी छापे में समीर बिश्नोई, रानू और सौम्या तीनों की संलिप्तता का पता चला था। कड़ी दर कड़ी जांच बढ़ती चली गई और आरोपियों पर ईओडब्ल्यू में भी कोयला और आय से आधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला दर्ज हुआ है। ईडी ने कथित कोयला घोटाले में 500 करोड़ रुपए की अवैध उगाही को लेकर जांच शुरू की थी। जिसके बाद मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया गया था। वसूली के लिए नियमों में बदलाव किया गया था। जिसके बाद जांच में ईडी ने चल-अचल संपत्तियां जब्त की थी, जिनमें कई बेनामी भी हैं। आयकर विभाग का आरोप है कि ये स्कैम करीब 500 करोड़ रुपए का था।