छत्तीसगढ़भिलाईविविध ख़बरें

श्रीमद् भागवत में ही छीपा है जीवन का सारः माँ चैतन्य मीरा

भिलाई। श्री बांके बिहारी सेवा समिति के द्वारा आयोजित भागवत कथा में वक्ता माँ चैतन्य मीरा ने बताया कि सावन माह में श्रीमद्‌ भागवत कथा या श्री राम कथा श्रवण करने से अत्यधिक लाभ होता है क्योंकी भगवान शिव के प्रिय विष्णु है और विष्णु के प्रिय राम । इसलिए इस कथा का नाम भी हरिहर भागवत कथा रखा गया है।

कथा के माध्यम से एक गुरु माँ ने बताया कि कई संत ऐसे हैं जो सिर्फ श्रीमद्‌ भागवत को ही अपना आराध्य मानते हैं क्योंकी श्रीमद्‌ भागवत ही हमें श्रीकृष्ण से मिलाती है। और कृष्ण श्री राधा के बिना अधूरे हैं। अत: कथा को श्रवण करने से ही श्रीकृष्ण -राधा को पाया जा सकता है। परन्तु कथा को श्रवण करने के भी कुछ नियम हैं, उन्हीं नियमों का पालन करके संतो ने हरी को पा लिया।

गुरु माँने गोस्वामी तुलसीदास जी कि जयंती पर उन्हे प्रणाम करते हुए बताया कि गोस्वामी जी कि ही कृपा है कि आजा जन-जन तक राम सभी के हृदय में निवास कर रहे हैं। इसी प्रकार कृष्ण ने उद्धव को बताया कि जो भी मुझे स्मरण करेगा, जो भी मुझे पाना चाहेगा, उसका एक मात्र साधन श्रीमद्‌ भागवत होगा। कथा के अंत में यो माँ चैतन्य मीरा ने बताया कि सभी को अपनी सम्पूर्ण ऊर्जा के साथ प्रभु का सुमिरन करना चाहिए। ताकी हम आने वाले सात दिवस में हम इस भागवत के माध्यम से अपने जीवन मैं इसकी महिमा को उतारकर स्वयं का और समाज का कल्याण कर सके माँ चैतन्य मीरा ने उनके द्वारा चलाए जा रहे आयुर्वेदा हास्पीटल और रिट्रीट सेंटर के बारे में भी बताया जहाँ पूरे जहाँ पर बिना दवाई के मसाज थैरेपी, हाइड्रो थैरेपी, मड़थैरेपी, ओजोन थैरेपी, योग, फिजियोथैरेपी, एक्यूप्रेशर डाइट थेरेपी, स्टीम और जकूजी के माध्यम से अनुभवी डाक्टर और उनकी टीम के द्वारा लोगों का सफल इलाज किया जाता है ।

Related Articles

Back to top button