पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और विधायक देवेंद्र विधायक से जेल में की मुलाकात

रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रायपुर के सेन्ट्रल जेल पहुंचे। जहां पर उन्होंने जेल में बंद पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा से मुलाकात की। इसके साथ ही बघेल भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव से भी मिले। पूर्व मंत्री आबकारी घोटाला मामले में जेल में बंद हैं। तो वहीं देवेन्द्र यादव बलौदाबाजार हिंसा मामले में बंद है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूर्व आबकारी मंत्री लखमा और देवेन्द्र यादव से मिलने के बाद ट्वीट किया है। जिसमें उन्होंने सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने सोशल मीडिया में पोस्ट कर लिखा कि, तानाशाह सरकार जनहित और अधिकार के लिए उठने वाली आवाजों को षड्यंत्र कर खामोश कर देना चाहती है। लेकिन अंत में विजय सत्य की होगी। इस दौरान उन्होंने राज्य के विष्णुदेव साय सरकार पर जमकर तंज कसा। उन्होंने कहा कि अंत में विजय सत्य की होगी। उन्होंने कहा कि आज केंद्रीय जेल रायपुर पहुंचकर वरिष्ठ कांग्रेस नेता और आदिवासियों की मुखर आवाज़ कवासी लखमा और युवा नेतृत्व भिलाई विधायक देवेंद्र यादव से मुलाकात की। उन्होंने आगे भाजपा सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि यह तानाशाह सरकार जनहित और अधिकार के लिए उठने वाली आवाजों को षड्यंत्र कर खामोश कर देना चाहती है, लेकिन अंत में विजय सत्य की होगी।
शराब घोटाले के मामले में 21 जनवरी को ED ने पूर्व मंत्री कवासी लखमा को रायपुर के स्पेशल कोर्ट में पेश किया था । इस दौरान रिमांड खत्म होने के बाद कोर्ट ने कवासी लखमा को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
कवासी लखमा 4 फरवरी तक जेल में रहेंगे। ED के वकील ने कोर्ट में अपनी दलील पेश करते हुए कहा कि, लखमा पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं। कोर्ट में ED के वकील ने लखमा पर आरोप लगाए कि, उनका नाम इस शराब घोटाले से जुड़ा हुआ है। ऐसे में जांच में उनका सहयोग करना जरुरी है। लेकिन पूछताछ में वे सहयोग नहीं कर रहे हैं। वकील ने आगे कहा कि, पूछताछ में लखमा सहयोग नहीं करेंगे तो उनको जेल भेजना पड़ सकता है। वहीं अब न्यायिक रिमांड ख़त्म होने के बाद लखमा को 4 फ़रवरी तक जेल भेज दिया गया है। ED का आरोप है कि पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक कवासी लखमा सिंडिकेट के अहम हिस्सा थे। लखमा के निर्देश पर ही सिंडिकेट काम करता था। इनसे शराब सिंडिकेट को मदद मिलती थी। वहीं ED ने यह भी कहा कि, शराब नीति बदलने में कवासी लखमा की महत्वपूर्ण भूमिका है।जिससे छत्तीसगढ़ में FL-10 लाइसेंस की शुरुआत हुई। यही नहीं ED ने बताया कि, लखमा को आबकारी विभाग में हो रहे घोटाले की पूरी जानकारी थी लेकिन उन्होंने इसे रोकना मुनासिब नहीं समझा।
वहीं बलौदाबाजार हिंसा मामले में भिलाई विधायक देवेंद्र यादव को 17 अगस्त की शाम विधायक देवेंद्र को गिरफ्तार कर रायपुर के सेंट्रल जेल भेजा गया था।
इस दौरान पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने राज्य के भाजपा सरकार पर विधायक देवेंद्र यादव को धोखे से गिरफ्तार करने का आरोप लगाया था। बघेल ने कहा था कि जितने भी नोटिस मिले, सिर्फ गवाही देने के लिए नोटिस थे। विधायक देवेंद्र यादव ने बताया था कि न ही एफआईआर की कॉपी दी गई है और न ही बताया गया कि किस अपराध में गिरफ्तारी हुई है। विधायक को देर रात रायपुर सेंट्रल जेल में दाखिल कराया गया। इस दौरान उसके समर्थकों की भारी भीड़ केंद्रीय जेल परिसर के बाहर जमा हो गई थी। विधायक देवेंद्र यादव के जेल में दाखिल होने से पहले समर्थकों ने जमकर नारेबाजी की थी। इस दौरान समर्थकों ने पुलिस के साथ भीड़ गए, बहस हुई थी जिसके वजह से पुलिस को बड़ी संख्या में बल तैनात करना पड़ा था। वहीं विधायक ने संविधान की किताब दिखाई थी। बात दें कि इससे पहले भिलाई में गिरफ्तारी के दौरान भी विधायक के समर्थकों ने जमकर नारेबाजी की थी। पुलिस से बहस हुई थी। गिरफ्तारी से पहले विधायक देवेंद्र यादव कार के ऊपर चढ़ गए थे। सीना ठोककर कहते हुए नजर आये थे कि हम लड़ेंगे और जीतेंगे। इतना ही नहीं उन्होंने एक हाथ में सतनाम का झंडा लहराया, तो दूसरी हाथ में संविधान की किताब दिखाई थी।
बीते दस जून को सतनामी समाज ने प्रदर्शन किया था। इस दौरान बलौदाबाजार जिले के कलक्ट्रेट परिसर में आग लग गई और कलेक्टर और एसपी कार्यालय में रखे कई दस्तावेज जलकर खाक हो गए थे। इतना ही नहीं दो पहिया- चार पहिया वाहनों को भी आग के हवाले किया गया था। सतनामी समाज के इस प्रदर्शन में भिलाई कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव भी शामिल हुए थे। भाजपा सरकार ने विधायक देवेंद्र यादव पर हिंसा को भड़काने का आरोप लगाया था, जिसके बाद बलौदाबाजार पुलिस ने उन्हें नोटिस जारी कर थाना में पूछताछ के लिए बुलाया गया था। दो-तीन बार नोटिस जारी होने के बाद पुलिस ने सीधा विधायक के भिलाई स्थित निवास पहुंचे और उन्हें गिरफ्तार किया था।