सीएम विष्णुदेव साय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल होने दिल्ली हुए रवाना

रायपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कल 7 अक्टूबर को दिल्ली में बड़ी बैठक बुलाई है। इस बैठक में नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्री, गृह सचिव, आईबी चीफ, अर्द्ध सैनिक बलों के डीजी, एनआईए डीजी समेत गृह मंत्रालय के दूसरे अधिकारी शामिल होंगे। छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय इस अहम बैठक में हिस्सा लेने के लिए रविवार की रात दिल्ली रवाना हुए।
ज्ञात हो कि 5 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में सुरक्षाबलों ने बड़ी नक्सली मुठभेड़ में 32 नक्सलियों को मार गिराया था। इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि छत्तीसगढ़ समेत अन्य नक्सल प्रभावित राज्यों में भी नक्सलियों के खिलाफ कई बड़े ऑपरेशन होंगे। इसी तैयारी के लिए दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अहम बैठक बुलाई है। एंटी नक्सल ऑपरेशन को गति देने के लिए आहूत इस बैठक में माओवाद प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्री, प्रतिनिधि, गृह सचिव, आईबी चीफ, अर्द्ध सैनिक बलों के डीजी, एनआईए डीजी समेत गृह मंत्रालय के दूसरे अधिकारी शामिल होंगे। इस बैठक में छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय अबूझमाड़ नक्सल मुठभेड़ के संबंध में जानकारी भी देंगे।
बैठक के संबंध में जानकारी देते हुए छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय ने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सभी नक्सल प्रभावित राज्यों की विशेष बैठक बुलाई है। उन्होंने नक्सल विरोधी मोर्चे पर बड़ी सफलता पाने वाले जवानों को बधाई भी दी।
ज्ञात हो कि गृहमंत्री अमित शाह ने ऐलान किया है कि मार्च 2026 तक देश से नक्सलियों का पूरी तरीके से सफाया कर दिया जाएगा। इसके लिए सभी राज्यों को साथ लेकर बड़ा प्लान तैयार कर रहा है। सूत्रों के अनुसार, जिस तरह से जम्मू-कश्मीर में आतंवादियों के फंडिंग रोकी गई, ठीक उसी तरह नक्सलियों को हो रही फंडिंग पर ब्रेक लगाने के लिए बड़ा एक्शन प्लान तैयार किया जा चुका है।
गृह मंत्री अमित शाह ने वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ इस तरह की पिछली समीक्षा बैठक की अध्यक्षता 06 अक्टूबर, 2023 को की थी। उस बैठक में उन्होंने ने वामपंथी उग्रवाद को जड़ से खत्म करने के लिए व्यापक दिशा निर्देश दिये थे। मिली जानकारी के मुताबिक मोदी सरकार की रणनीति से वर्ष 2010 के मुक़ाबले 2023 में हिंसा में 72% और मृत्यु में 86% कमी आई है। यही वजह है कि आज वामपंथी उग्रवाद अपनी अंतिम लड़ाई लड़ रहा है। वर्ष 2024 में सुरक्षाबलों को नक्सलियों के विरुद्ध आशातीत सफलता मिली है। इस वर्ष अब तक 202 नक्सली मारे गए हैं और 2024 के शुरूआती 09 महीनों में 723 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। इसके साथ ही, 2024 में वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों की संख्या मात्र 38 रह गयी है। केन्द्र सरकार ने वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित प्केरदेशों दूरदराज़ के इलाकों तक विकास योजनाएं पहुंचाने के लिए भी ठोस कदम उठाए हैं। इन क्षेत्रों में सड़क और मोबाइल कनेक्टिविटी पर खास बल दिया जा रहा है। वामपंथी उग्रवाद प्रभावित इलाकों में अब तक 14,400 किलोमीटर सड़क निर्माण हो चुका है और लगभग 6000 मोबाइल टावर लगाए जा चुके हैं।