राज्यपाल रमेन डेका ने छत्तीसगढ की 6वीं विधानसभा के पंचम सत्र को किया संबोधित

रायपुर। राज्यपाल रमेन डेका ने सोमवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा की 6 वीं विधानसभा के पंचम सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा के वर्ष 2025 में आयोजित इस प्रथम सत्र में आप सभी का हार्दिक अभिनंदन है। आप सभी को इसके लिए बहुत सारी शुभकामनाएँ।
यह विधानसभा गणतंत्र का मंदिर है। यहाँ संविधान की पूजा होती है। मुझे खुशी है कि सदस्यगण अपनी पूरी क्षमता के साथ यहाँ अपने संवैधानिक दायित्वों को निभा रहे हैं। अपने क्षेत्र के प्रतिनिधि के रूप में आम जनता की आवाज इस फोरम में रख रहे हैं। विकसित देशों की सूची में शामिल होने, भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है। विकसित भारत के अनुरूप विकसित छत्तीसगढ़ तैयार करने मेरी सरकार कड़ी मेहनत कर रही है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने मेरी सरकार ने जनप्रतिनिधियों, विशेषज्ञों तथा आम जनता का फीडबैक लेकर आर्थिक-सामाजिक-सांस्कृतिक विकास के लिए बारीकी से रणनीति तैयार की है और इस पर अमल कर रही है।
यह वर्ष छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना का रजत जयंती वर्ष है। यह हमारी विधानसभा का भी रजत जयंती वर्ष है। छत्तीसगढ़ में विकास की बुनियाद को मजबूत करने छत्तीसगढ़ विधानसभा का हिस्सा रहे सभी सदस्यों का महत्वपूर्ण योगदान है। सुखद संयोग यह है कि छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का भी यह जन्मशताब्दी वर्ष है। मेरी सरकार इसे अटल निर्माण वर्ष के रूप में मना रही है। इन 25 सालों में छत्तीसगढ़ में विकास की जो भव्य इमारतें खड़ी हुई हैं, उनमें पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्रद्धेय स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी तथा यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का मार्गदर्शन और सोच नजर आती है।
अटल जी ने छत्तीसगढ़ का निर्माण किया। बीते 25 वर्षों में छत्तीसगढ़ में मानव संसाधन तथा अधोसंरचना विकास के बड़े कार्य हुए। कुछ साल की बाधा और कमजोर प्रगति के बाद यह विकास प्रक्रिया पुनः तेज हुई। मेरी सरकार ने लंबित पड़ी परियोजनाओं को पुनः आरंभ कराया और सुस्त पड़ गई प्रदेश की अर्थव्यवस्था में पुनः संजीवनी देने का कार्य किया।
मेरी सरकार ने एक वर्ष पूरे कर लिये हैं। मेरी सरकार ने इस मौके को जनादेश परब के रूप में मनाया और जनता को अपने साल भर के काम का लेखा-जोखा दिया। मेरी सरकार विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण का संकल्प लेकर काम कर रही है। इसे पूरा करने हर साल किये गये प्रयासों का जनादेश परब के मौके पर लेखा-जोखा मेरी सरकार प्रस्तुत करेगी। लोकतंत्र की जड़ों की मजबूती जनता से निरंतर संवाद पर निर्भर करती है। जनता के प्रति अपनी जवाबदेही की इसी भावना को मूर्त रूप देने यह नई लोकतांत्रिक परंपरा आरंभ की गई है