चंदखुरी निवासी सुरक्षा गार्ड का बेटा बना सब इंस्पेक्टर
दुर्ग। एक कहावत है कि प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती, मेहनत और लगन के दम पर उसे मंजिल मिल ही जाती है। इसी को चरितार्थ किया है दुर्ग जिले के ग्राम चंदखुरी निवासी 29 वर्षीय अमित कुमार साहू ने। एक मध्यम वर्गीय परिवार में जन्मे अमित कुमार साहू जिनके पिता प्राइवेट सेक्टर में सुरक्षा गार्ड का काम करते थे साथ मे अमित भी मेहनत मजदूरी भी करते है। अब छत्तीसगढ पुलिस में उप निरीक्षक पद पर चयनित हो गए है , ग्रामवासी में हर्ष का माहौल तो है ही साथ ही साथ क्षेत्र का भी मान बढ़ा है।
अमित के पिता द्वारिका प्रसाद साहू बताते है कि अमित जब छोटा था वे अर्थात अमित के पिता सेक्टर 9 हॉस्पिटल में सिक्योरिटी गार्ड का काम करते थे । अमित 18 वर्ष की उम्र में तार मिस्त्री का प्रमाण पत्र प्राप्त कर चुका था और हाउस वायरिंग का काम करते थे, क्योंकि पापा की सैलरी सिर्फ 1800 होती थी जो घर के राशन व घर चलाने के लिए भी कम पड़ता था। 10वीं की पढ़ाई के बाद अमित को घर और खेत का काम करते हुए पढ़ाई हो सके ऐसा विषय चयन करना था लेकिन खुद के मन में उपज रहे आत्मविश्वास ने इन्हें 11 वीं में गणित विषय के लिए दिशा दिया। अमित बारहवीं में स्कूल और गणित रसायन और भौतिकी में अपनी स्थिति मजबूत करने स्कूल के बाद मनोज यादव के पास ट्यूशन करते थे इस स्थिति में समय प्रबंधन करना काफी कठिन होता था और यही कठिन परिस्थिति अमित को और मजबूत बनाते गई और जब अमित 12 वीं पास हुआ और जब कॉलेज करने का समय आया तब उनके जीवन में सबसे बडी चुनौती सामने तब आई जब घर चलाने वाले पिता के साथ सड़क दुर्घटना हुई और पैर पर प्लास्टर चढ़ गया तब घर का सारा काम सारा खेती का भार व सारी जिम्मेदारी अमित के सिर पर आ गई और उन्हें उनके घर परिवार के लोगों द्वारा पढ़ाई छोड़ने या फिर किसी आसान विषय पर स्नातक करने कहा गया, पर अपने आप को चुनौतियों के कसौटी पर डाल कर अमित इतना मजबूत होता जा रहा था कि उसके आत्म विश्वास ने उन्हें स्नातक में बीएससी भूगर्भ विज्ञान के लिए प्रेरित किया साथ ही साथ गांव में दोस्तों को आर्मी की तैयारी करते देख खुद भी आर्मी बनने की ख्वाहिश सजाता रहा पर तकदीर कही और ले जाना चाह रही थी। 2013 में आर्मी भर्ती दिलाया भर्ती के शारीरिक दक्षता पास होने के बाद मेडिकल के ही दिन दादी की स्वर्गवास होने की खबर सुन कर आर्मी मेडिकल छोड़कर घर आ गया और जब तक घर पहुंचा तब तक दादी का अंतिम संस्कार हो चुका था, दादी के अंतिम दर्शन के लिए अपना आर्मी का मेडिकल छोड़ कर आया और जब घर आया तो उन्हें दादी का अंतिम दर्शन भी नहीं मिला इसी सोच ने उसके मनोबल को कमजोर कर दिया। लेकिन उसने हार नहीं मानी और छत्तीसगढ़ पुलिस के एसआई भर्ती की परीक्षा दिया। अमित कुमार साहू सब इंस्पेक्टर बनने के बाद संघर्ष के दिनों को याद करते हुवे अपने मित्रगण व परिवार जनों का विस्वास याद कर भावुक हो गए ।