मनेन्द्रगढ़

कोरिया बैकुंठपुर जिले के तुर्रीपानी ग्राम,में सफेद हाथी साबित हो रही जलजीवन मिशन योजना ग्रामीण गरीब जनता परेशान हाल इतनी भीषण गर्मी

कोरिया जिला बैकुंठपुर एक ओर जहां केन्द्र और राज्य सरकार आमजन के लिए मूलभूत सुविधाओं को उन तक पहुंचाने को लेकर प्रयासरत है और उन तक मूलभूत सुविधाओं को पहुंचा कर उन सुविधाओ का भी समुचित लाभ मिल सके इसके लिऐ प्रयास कर रही है तो वही दूसरी ओर जिले में जिस विभाग को इसकी जिम्मेदारी दी गई है वे मजे से वातानुकूलित कमरे में बैठे है और नौ दिन चले अढ़ाई कोस वाली कहावत को चरितार्थ करते नजर आ रहे है आपको बता दे की सरकार की महत्वपूर्ण योजना में से एक जल जीवन मिशन का कोरिया जिले में बुरा हाल है और यह योजना कोरिया जिले में कितनी सफल हो पाएगी इस पर भी प्रशन चिन्ह लगता नजर आ रहा है कोरिया जिले में भी ग्रामीण क्षेत्रों में कई ऐसे गांव है जहां पीने के पानी के लिऐ ग्रामीणों को काफी मशक्कत और लंबी दूरी तय करनी होती है तब कहीं जाकर उनकी प्यास बुझती है और उन्हें पीने के लिऐ पानी उपलब्ध हो पाता है कोरिया जिले में स्तिथ तुर्री पानी ग्राम की भी कहानी कुछ ऐसी ही है,,आपको बता दे की कोरिया जिले के सोनहत ब्लॉक में स्तिथ गुरु घासीदास राष्ट्रीय उधान के अन्दर बसा एक गांव तुर्रीपानी है जहां आज भी लोग तुर्रे का पानी पीकर अपना गुजर बसर कर रहे है इस तुर्रे से ही इस गांव का नाम तुर्री पानी पड़ा यह तुर्रा किसी समतल स्थान पर नही है बल्की तुर्रे तक पहुंचना बहुत ही संघर्ष पूर्ण है और तुर्री पानी की ग्रामीण महिलाएं और पुरुष यह कार्य रोज करते है यह तुर्रा घने जंगल में पहाड़ों के नीचे स्थित है जहां प्रतिदिन महिलाएं पहाड़ी चट्टानों से होते हुऐ सैकड़ों फीट नीचे जाकर तुर्रे से पानी भरकर वापस लौटती है और तुर्रे के पास ही खतरनाक सर्पों का डेरा रहता है तो वहीं जंगली जानवरों का भी भय हर समय बना रहता है बावजूद इसके ग्रामवासी आज भी इस तुर्रे पर ही निर्भर है और यही से पानी लाकर अपनी प्यास बुझाते है। कहने को तो गांव में तुर्रे से पानी के लिऐ सोलर पम्प और पाईप भी बिछाया गया है और उसमें पानी भी आता है लेकीन वह पानी ग्राम वासियों के लिऐ पर्याप्त नहीं होता तो वही गर्मी के दिनो मे पानी गर्म आता है और पीने में स्वाद भी अच्छा नहीं लगता जिस कारण ग्रामीणों को मजबूरन तुर्रे से ही पानी लाना पड़ता है। गांव में जल जीवन मिशन के तहत पाईप लाईन का कार्य और नल के बेस तो बने है किन्तु न ही टंकी का पता है और न ही पानी का दो साल से ये योजना ग्रामवासियों के लिऐ सिर्फ सफेद हाथी साबित हो रही है,,वही संबंधित लोक स्वास्थ यांत्रिकी विभाग के ईई सी.बी. सिंह ने कहा की वहा भू जल की समस्या है और टयूबवेल असफल हो जाता है हालंकि दो सौ फीट से दो स्टेज में पानी लाते है हाथियों ने कुछ स्थान पर पाईप लाइन को क्षतिग्रस्त कर दिए है तो कुछ जगह ग्रामीणों ने नुकसान कर दिया पाईप को इस लिऐ अभी एक ही जगह पानी गिर रहा है

Shahin Khan

Editor, acn24x7.com

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