प्रदेश अध्यक्ष की मांग का बजट में दिखा असर।राष्ट्रीय आदिवासी एकता मंच छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष है डॉ. सिंह।बजट में आश्रमों और हॉस्टलों के लिये भी राशि स्वीकृत।
मनेंद्रगढ़ जिला एमसीबी राष्ट्रीय आदिवासी एकता मंच छत्तीसगढ़ प्रदेश के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष डॉ. विनय शंकर सिंह ने छत्तीसगढ़ के बजट में आदिवासी आवासीय विद्यालयों के लिए 13 क़रोड़ रुपयों और भवन विहीन छात्रावास आश्रम के लिये 46 भवनों के लिए 78 करोड़ 10 लाख रुपयों का प्रावधान करने पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का आभार व्यक्त करते हुये धन्यवाद ज्ञापित किया है।
राष्ट्रीय आदिवासी एकता मंच छत्तीसगढ़ प्रदेश के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष डॉ. विनय शंकर सिंह ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से मुलाकात कर विस्तृत चर्चा की थी जिसका परिणाम प्रस्तुत बजट में भी देखने को मिल रहा है छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से हुई सौजन्य मुलाकात में डॉ.विनय शंकर ने छत्तीसगढ़ के आदिवासी बालक बालिका आश्रम हॉस्टलों की दुर्दशा पर चिंता जताते हुये मुख्यमंत्री से निवेदन करके सबसे पहले इन आश्रमों और हॉस्टलों पर रहकर पढ़ने वाले बच्चों की दयनीय स्थिति की तरफ़ मुख्यमन्त्री का ध्यान आकृष्ट कराते हुए इनके उन्नयन की माँग की थी जिससे आदिवासी बच्चे इन आश्रमों और हॉस्टलों में पढ़ने के लिए मजबूरीवश ना आयें बल्कि ख़ुशी ख़ुशी आयें और उनको इन हॉस्टलों और आश्रम में घर जैसा महसूस हो। छत्तीसगढ़ के 3300 हॉस्टलों और आश्रमों को स्मार्ट हॉस्टल में तब्दील करने के लिए मुख्यमंत्री से माँग की गई थी। उन्होंने निवेदन किया था की जीर्ण शीर्ण हॉस्टलों का मरम्मत कर मॉडर्न हॉस्टल और आश्रम, सोने के लिये घर जैसा बेड, पढ़ने के लिए स्मार्ट फर्नीचर और आलमारी पॉवर बैकअप चौबीस घंटे पीने के लिए शुद्ध आरओ पानी, खाने के लिए उच्च स्तर की भोजन व्यवस्था की जाये साथ ही हॉस्टल में ही स्मार्ट डिजिटल लाइब्रेरी से यहां रहने वाले बच्चों का सर्वांगीण विकास होगा और उनकी पढ़ाई के प्रति रूचि बढ़ेगी मुलाकात में छत्तीसगढ़ प्रदेश के मुखिया विष्णु देव साय ने राष्ट्रीय आदिवासी एकता मंच छत्तीसगढ़ प्रदेश के नव नियुक्त प्रदेश अध्यक्ष डॉ. विनय शंकर सिंह की मांगों को गंभीरता से सुना और उन्हें आश्वस्त किया था की जल्दी ही एक समिति बनाकर सर्वे कराया जायेगा और भविष्य में इन आश्रमों और हॉस्टलों में पढ़ने वाले बच्चों को किसी भी प्रकार की असुविधा ना हो ये सुनिश्चित किया जायेगा।
अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति वर्गों का विकास
विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूह के विद्यार्थियों हेतु कबीरधाम,
गरियाबंद, कोरिया, बलरामपुर, सरगुजा, धमतरी,गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही,जशपुर एवं नारायणपुर में संचालित आवासीय विद्यालयों के लिए 13 करोड़
का प्रावधान किया गया है।
भवन विहीन छात्रावास आश्रमों के 46 भवन निर्माण हेतु,78 करोड़ 10 लाख का प्रावधान किया गया है,पोस्ट मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास बलरामपुर, महाराजगंज,
शंकरगढ़, डिण्डो, राजपुर, लखनपुर, कांसाबेल, बगीचा, दोकड़ा, बतौली,
मनोरा, कोतबा, दुलदुला, पण्डरीपानी, तपकरा तथा नर्मदापुर तथा पोस्ट
मैट्रिक अनुसूचित जनजाति कन्या छात्रावास जशपुर नगर के भवन निर्माणहेतु प्रावधान किया गया है,,प्री मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास पैकू, दोकड़ा, रौनी, गाला,
कोतबा, बागबाहरा, लोदाम, दुलदुला, लवाकेरा, पण्डरीपानी, कांसाबेल,
बटईकेला, कुनकुरी, देवगढ़, मंगारी, बतौली, घाटवर्रा, नवापारा लखनपुर,
कमलेश्वरपुर तथा लुण्ड्रा, प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति कन्या छात्रावास
करजी, धौरपुर, बोदा, अंबिकापुर के भवन निर्माण हेतु प्रावधान किया गया है।पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जाति बालक छात्रावास महासमुंद, प्री. मैट्रिक छात्रावास के लिये भी प्रावधान किया गया है।