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ब्रेकिंग : ED ने तात्कालीन आबकारी आयुक्त निरंजन दास को रिमांड पर लिया

रायपुर। छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले के मामले में पूर्व आबकारी आयुक्त निरंजन दास को ईडी ने आज दी शाम न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें 3 दिन के लिए ईडी की रिमांड पर दे दिया गया है।

बता दें कि राज्य सेवा की निलंबित अधिकारी सौम्या चौरसिया को 14 दिन की रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। ईडी ने लंबी पूछताछ के बाद सौम्या को विशेष न्यायाधीश की अदालत में पेश किया, जहां अदालत ने उन्हें 2 जनवरी 2026 तक की रिमांड मंजूर की। सौम्या चौरसिया को इस मामले में 16 दिसंबर को दूसरी बार गिरफ्तार किया गया था और तब से वह रिमांड पर थी। ईडी ने अदालत को बताया कि सौम्या से पूछताछ पूरी हो चुकी है और उनके बयान के आधार पर मामले की अग्रिम जांच जारी है। पूछताछ के दौरान सौम्या ने महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि घोटाले में तात्कालीन आबकारी आयुक्त (आईएएस) निरंजन दास की भूमिका अहम रही है।

इसके बाद ईडी ने अदालत से निरंजन दास को रिमांड पर लेने का आवेदन किया। कोर्ट ने ईडी के तर्क को मान्यता देते हुए निरंजन दास को 3 दिन की रिमांड पर ईडी को सौंप दिया। ईडी के अधिकारियों ने बताया कि निरंजन दास से पूछताछ उनके जोनल कार्यालय में की जाएगी। सूत्रों के अनुसार, सौम्या के बयान में यह खुलासा हुआ कि शराब नीति में बदलाव और नियमों में संशोधन में निरंजन दास की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। ईडी के अनुसार, यह पूरा खेल एक सिंडीकेट द्वारा योजनाबद्ध तरीके से संचालित किया गया, जिससे अर्जित रकम में शामिल लोगों को हिस्सेदारी दी जाती थी। सौम्या चौरसिया के बयान और दस्तावेजों के आधार पर ईडी अब मामले के अन्य जुड़े अधिकारियों और संचालकों के संबंध में भी गहन जांच कर रही है। इसमें यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि किस प्रकार विभिन्न अधिकारियों ने नीति में बदलाव कर निजी फायदों के लिए सिस्टम का दुरुपयोग किया। ईडी ने अदालत को यह भी बताया कि घोटाले में शामिल कई उच्च पदस्थ अधिकारियों और सिंडीकेट के सदस्यों की जानकारी अभी जुटाई जा रही है।

विशेष न्यायाधीश की अदालत ने ईडी को निर्देश दिए हैं कि रिमांड में पूछताछ पारदर्शी और नियमों के अनुसार हो। अधिकारियों ने बताया कि रिमांड अवधि में निरंजन दास से पूछताछ के दौरान सौम्या चौरसिया के बयान की पुष्टि की जाएगी और अन्य दस्तावेजों एवं इनपुट्स के माध्यम से घोटाले की पूरी तस्वीर सामने लाई जाएगी। इस जांच में ईडी ने स्पष्ट किया है कि राज्य में शराब नीति के बदलाव में शामिल सभी व्यक्तियों की भूमिका की जांच की जाएगी और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

सूत्रों के अनुसार, इस घोटाले में शामिल अन्य अधिकारियों और व्यक्तियों को भी भविष्य में रिमांड पर लाने की योजना बनाई जा रही है। इस मामले की जांच पूरे राज्य में चर्चा का विषय बनी हुई है। अधिकारियों का कहना है कि ईडी की कार्रवाई से स्पष्ट संदेश जाता है कि किसी भी प्रकार के घोटाले में शामिल अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा। जांच का यह दौर आगामी दिनों में और भी तेजी से आगे बढ़ेगा और सभी संबंधित पक्षों से पूछताछ की जाएगी।

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