मंत्री केदार कश्यप ने राहुल गांधी से आदिवासी नेताओं की मुलाकात पर पूछा : क्या दीपक बैज ये पूछने की हिम्मत दिखा पाए कि छत्तीसगढ़ से कांग्रेस ने किसी आदिवासी को राज्यसभा क्यों नहीं भेजा ?

रायपुर। राहुल गांधी की ओर से दिल्ली में आयोजित आदिवासी नेताओं के साथ विशेष बैठक करने को लेकर छत्तीसगढ़ के वन एवं सहकारिता मंत्री केदार कश्यप ने कांग्रेस को सवालों में घेर दिया है. उन्होंने कांग्रेस नेताओं पर तीखा हमला बोलते हुए पूछा है कि क्या इस मुलाकात के दौरान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने छत्तीसगढ़ के आदिवासियों के वास्तविक मुद्दों पर कोई ठोस बात रखी, या यह बैठक भी सिर्फ परंपरागत चरणवंदना और औपचारिकता बनकर रह गई?
मंत्री कश्यप ने कांग्रेस नेतृत्व पर आरोप लगाते हुए कहा कि भूपेश सरकार के कार्यकाल में कांग्रेस ने राज्यसभा के लिए तीन सदस्य भेजे, लेकिन उनमें से एक भी छत्तीसगढ़ का आदिवासी नहीं था. दीपक बैज ने वहां सवाल उठाया कि क्या दीपक बैज ने राहुल गांधी से यह पूछने की हिम्मत की कि आदिवासी नेताओं को कांग्रेस ने राज्यसभा भेजने लायक क्यों नहीं समझा? उन्होंने कहा, “तीनों राज्यसभा सीटें बाहरी नेताओं को दे दी गईं, क्या यह छत्तीसगढ़ के आदिवासियों के साथ अन्याय नहीं है?” मंत्री कश्यप ने बस्तर और सरगुजा में कथित धर्मांतरण के मुद्दे को भी उठाया. उन्होंने आरोप लगाया कि भूपेश सरकार के समय इस विषय पर आई प्रशासनिक रिपोर्ट्स को नजरअंदाज किया गया. “बस्तर के कमिश्नर और सुकमा एसपी की चिट्ठियों में खतरनाक हालात की बात थी, लेकिन उनपर कार्रवाई के बजाय धूल जमने दी गई,”
मंत्री केदार कश्यप ने पूछा कि अगर कांग्रेस के ये आदिवासी नेता अपने ही शासनकाल में जनहित के मुद्दे नहीं उठा सके, तो अब राहुल गांधी के सामने बोलने की अपेक्षा करना हास्यास्पद है. उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, “बैज दिल्ली जाकर ‘सर नमस्ते’ करके ही लौट आए होंगे.”
उल्लेखनीय है कि सोमवार को राहुल गांधी ने दिल्ली में छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों के आदिवासी कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक की थी. बैठक में जल, जंगल, जमीन, धर्मांतरण, शिक्षा, और आदिवासी धर्म कोड जैसे विषयों पर चर्चा हुई थी. कांग्रेस नेताओं ने आदिवासी नेतृत्व को सशक्त करने, और सरगुजा-बस्तर जैसे आदिवासी बहुल क्षेत्रों में विशेष ट्रेनिंग कार्यक्रम चलाने की मांग भी रखी थी.