जेल की 25 फीट ऊंची दीवार फांदकर फरार हुए 4 शातिर कैदी

कोरबा। जिला जेल कोरबा में निरुद्ध दुष्कर्म के चार विचाराधीन बंदी गमछे में लोहे के एंगल को लंगर बना कर 25 फीट ऊंची दीवार फांद कर फरार हो गए। गौशाला में काम करने के लिए दोपहर 3.30 बजे बंदियों को बैरक से बाहर निकाला गया था। जेल ब्रेक की इस घटना से अधिकारियों में हड़कंप मच गया।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मौके नीतिश ठाकुर मौके पर पहुंचे और पूरे मामले की जानकारी ली। करीब एक घंटे बाद इस घटना की सूचना पुलिस को दी गई। इस बीच जेल कर्मी अपने स्तर पर आसपास के जंगल में बंदियों की तलाश का प्रयास करते रहे। जेल परिसर में लगी सीसीटीवी में पूरी घटनाक्रम कैद हो गई है।
जानकारी के अनुसार, रजगामार रोड में स्थित जिला जेल में निरुद्ध दुष्कर्म एवं पाक्सो एक्ट के अलग- अलग मामलों के चार बंदी राजा कंवर 22 वर्ष निवासी भुलसीडीह, दशरथ सिदार 19 वर्ष निवासी पोडीबहार नीचे मोहल्ला, सरना सिंकू 26 वर्ष निवासी लालघाट मुण्डा मोहल्ला बालको तथा चन्द्रशेखर राठिया 20 वर्ष निवासी कमतरा, थाना घड़घोरा, जिला रायगढ़ ने एक साथ जेल से भागने की योजना बनाई। जेल प्रबंधन पिछले कई दिनों से उनकी ड्यूटी जेल परिसर की चारदीवारी के अंदर संचालित गोठान में लगा रही थी। बताया जा रहा है कि एक गाय बीमार थी, उसकी सेवा की जिम्मेदारी दी गई थी। गोठान में ही सब्जी की बाड़ी भी लगी है। उद्यानिकी कार्य के लिए रोलर भी रखा हुआ था। इसे खींचने के लिए एक लंबा राड भी था। बंदियों ने योजना के मुताबिक इस रॉड का इस्तेमाल मोड़ कर लंगर बनाने के लिए किया। गमछा से गमछा बांध कर उसे रस्सी बना लिया और उसमें लंगर बांध कर जेल के दीवार में बिछाए गए बिजली के तार के एंगल में उछाल कर फंसा दिया। जब इस घटना को अंजाम दिया गया, उस वक्त जेल परिसर की बिजली बंद थी। करंट का खतरा न हो, इस वजह से यह वक्त चुना गया। एक-एक कर लंगर से दीवार के ऊपर बंदी चढ़ गए और दूसरी ओर (बाहर) भी उसे गमछे एवं लंगर के सहारे लटक कर निकल भागे।
जिस शातिराना अंदाज में अपराधी भागे, उससे जेल के अधिकारी और कर्मचारी सन्न रह गए। घटना की जानकारी मिलते ही जेल अधीक्षक विजया नंद सिंह भाग कर मौके पर पहुंचे। जेल के ठीक पीछे स्थित जंगल में छिपे होने की आशंका पर जेलर, जेल प्रहरियों के साथ खाक छाने, पर फरार अपराधियों का कहीं पता नहीं चल सका। थक हार कर इस घटना की सूचना सिविल लाइन थाना रामपुर पुलिस को देनी पड़ी।
चार बंदी के फरार होने के साथ ही जिला जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठ खड़े हो गए हैं। रोलर में हैंडल खींचने के लिए लगा रहता है, ऐसे में उसमें अतिरिक्त रुप से रॉ ड लगाने की क्या आवश्यकता थी। सवाल यह भी है कि क्या बैरक से बाहर निकाले गए बंदियों से कार्य लिए जाने के दौरान उनकी निगरानी करने वाला कोई नहीं होता।
पहले क्षमता से दोगुना बंदियों को इस जेल में रखा जाता था, पर वर्तमान में अतिरिक्त बैरक निर्माण किए जाने से क्षमता अनुरूप 205 बंदी ही निरुद्ध हैं। आमतौर पर देखा यह गया है कि बंदी प्रहरियों पर अपना विश्वास जमाने के बाद जेल ब्रेक करने की घटनाओं को अंजाम देते हैं। कुछ ऐसी ही बात इस घटना से भी जुड़ी है।
सीएसपी सीएसपी भूषण एक्का ने कहा कि सभी थाना- चौकी को अलर्ट कर दिया गया है और विशेष टीमें गठित कर फरार आरोपितों की पतासाजी की जा रही है। इसके साथ ही घटना में शामिल जेल कर्मियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। उम्मीद है कि जल्द ही सभी आरोपितों पकड़ लिया जाएगा। वर्तमान में न्यायालय में उनके मामले की सुनवाई चल रही थी।