मनेन्द्रगढ़

जनकपुर पुलिस विभाग के तत्वावधान में हुआ परिचर्चा का सफल आयोजन, नए कानून के तहत दी गई जानकारी.

मनेन्द्रगढ़ जिला एम,सी,बीजनकपुर पुलिस के तत्वावधान में हुआ 1 जुलाई परिचर्चा का सफल आयोजन, नए कानून के तहत दी गई जानकारी
अब से नए आपराधिक कानून लागू हो गए हैं। पिछले साल संसद द्वारा पारित होने के बाद आज से ये सभी कानून प्रभावी हो जाएंगे।
जिसके तहत जनकपुर के जनपद पंचायत के सभागार में आज 1 जुलाई 2024 से प्रभावशील नये भारतीय कानून की जानकारी एस डी ओ पी एलेक्स टोप्पो के द्वारा दी गई जिसमें बताया गया कि नये कानून के तहत आज बदलाव के बाद आईपीसी (IPC) की जगह भारतीय न्याय संहिता (BNS), सीआरपीसी (CRPC) की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSS) को लागू कर दिया गया है।
वही एस डी ओ पी, मनेंद्रगढ़ ने कहा की महिला एवं बच्चों को न्याय हेतु कठोर दंड का प्रावधान है। नए प्रावधानों में वैसे तो छोटे-बड़े बदलाव हुए हैं लेकिन एक अहम मुद्दा आतंकवाद का भी है। इसकी वजह यह है कि आईपीसी में आतंकवाद को लेकर कोई भी स्पष्ट परिभाषा थी ही नहीं, जबकि नए कानून के तहत आतंकवाद को विस्तार से परिभाषित किया गया है। इस परिभाषा के तहत जो भी भारत की एकता, अखंडता, संप्रभुता, सुरक्षा, आर्थिक सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करते है तो उसे आतंकवाद की कैटेगरी में रखा जाएगा।
अब कहीं भी करा सकेंगे FIR:-
जीरो एफआईआर’ से अब कोई भी व्यक्ति किसी भी पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज करा सकता है, भले ही अपराध उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं हुआ हो। नये कानून में जुड़ा एक दिलचस्प पहलू यह भी है कि गिरफ्तारी की सूरत में व्यक्ति को अपनी पसंद के किसी व्यक्ति को अपनी स्थिति के बारे में सूचित करने का अधिकार दिया गया है। इससे गिरफ्तार व्यक्ति को तुरंत सहयोग मिल सकेगा।
मुकदमा पूरा होने के 45 दिन के अंदर फैसला :-
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि इन कानूनों को भारतीयों ने, भारतीयों के लिए और भारतीय संसद द्वारा बनाया गया है तथा यह औपनिवेशिक काल के न्यायिक कानूनों का खात्मा करते हैं। नये कानूनों के तहत आपराधिक मामलों में फैसला मुकदमा पूरा होने के 45 दिन के भीतर आएगा और पहली सुनवाई के 60 दिन के भीतर आरोप तय किए जाएंगे।
रेप से लेकर मॉब लिंचिंग तक के लिए नए प्रावधान
दुष्कर्म पीड़िताओं का बयान कोई महिला पुलिस अधिकारी उसके अभिभावक या रिश्तेदार की मौजूदगी में दर्ज करेगी और मेडिकल रिपोर्ट सात दिन के भीतर देनी होगी। कानूनों में संगठित अपराधों और आतंकवाद के कृत्यों को परिभाषित किया गया है, राजद्रोह की जगह देशद्रोह लाया गया है। इसके अलावा सभी जघन्य अपराधों के वारदात स्थल की अनिवार्य वीडियोग्राफी जैसे प्रावधान शामिल किए गए हैं। इसके अलावा मॉब लिंचिंग के मामले में फांसी की सजा का प्रावधान किया गया है।
कई नए प्रावधान भी जुड़े:-
नए कानून में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों पर एक नया अध्याय जोड़ा गया है, किसी बच्चे को खरीदना और बेचना जघन्य अपराध बनाया गया है और किसी नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म के लिए मृत्युदंड या उम्रकैद का प्रावधान जोड़ा गया है। शादी का झूठा वादा करने, नाबालिग से दुष्कर्म, भीड़ द्वारा पीटकर हत्या करने, झपटमारी आदि मामले दर्ज किए जाते हैं लेकिन मौजूदा भारतीय दंड संहिता में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं थे। उन्होंने बताया कि भारतीय न्याय संहिता में इनसे निपटने के लिए प्रावधान किये गए हैं। नए कानून में महिलाओं, पंद्रह वर्ष की आयु से कम उम्र के लोगों, 60 वर्ष की आयु से अधिक के लोगों तथा दिव्यांग या गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को पुलिस थाने आने से छूट दी जाएगी और वे अपने निवास स्थान पर ही पुलिस सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
भारत की एकता अखण्डता संप्रभुता की रक्षा अक्षुण्ण बनाये रखने हेतु कानून बैठक में थाना प्रभारी ओपी दुबे ए एस आई राममिलन मिश्रा मुख्य कार्यपालन अधिकारी अनिल अग्निहोत्री जनपद उपाध्यक्ष दुर्गा शंकर मिश्रा ब्लॉक कांग्रेस के अध्यक्ष रविप्रताप सिंह, वरिष्ठ नागरिक मोहम्मद नासिर खान,प्रभात सिंह, सरपंच संघ के ब्लॉक अध्यक्ष बृज भूषण सिंह,सरपंच वंदना हाई स्कूल की प्राचार्या नीरजा सिंह, रश्मि रानी गुप्ता, संतोष साहू,महिला प्रधान आरक्षक प्रियंका पाण्डेय,आरक्षक ज्ञान प्रकाश लकड़ा, जनप्रतिनिधि गढ़ उपस्थित रहे

Shahin Khan

Editor, acn24x7.com

Related Articles

Back to top button