बारिश ने बिगाड़ा रसोई का स्वाद, टमाटर हुआ सुर्ख लाल तो गोभी और करेला के बढ़े भाव

भिलाई। पूरे प्रदेश में लगातार हो रही बारिश के कारण सब्जियों के दाम बढ़ने लगे हैं. 15 दिनों में ही सभी सब्जियों की कीमत तिगुनी हो गई है. थोक सब्जी मंडी में सभी सब्जियां महंगी बिकीं. थोक व्यापारियों का मानना है कि लगातार हो रही बारिश से फसल के खराब होने से सब्जियां महंगी हो गई हैं. इस समय लोकल सब्जियों की आवक नहीं हो रही है. आवक कम होने से सब्जियों के दामों में जोरदार उछाल आई है.
दुर्ग जिले सहित आस-पास के जिलों के किसानों ने अपने खेतों में सब्जियों की जगह धान लगा लिया है. जिन्होंने सब्जी की फसल लिया है वे बारिश के कारण परेशान हैं. बारिश के कारण सब्जी की फसल पर असर पड़ा है. इससे मंडियों में सब्जियों की आपूर्ति घट गई है. व्यापारियों का कहना है कि भारी बारिश की वजह से परिवहन व्यवस्था भी ठप है, जिससे ढुलाई की लागत बढ़ जाती है. थोक बाजार से आते-आते सब्जियों के दाम और भी बढ़ जाते हैं.
चिल्हर बाजारों में जो सब्जियां 15 से 30 रुपए प्रति किलो बिक रही थी, वहीं अब 40 से 80 रुपए प्रति किलो हो गई है. सबसे ज्यादा महंगा टमाटर हो गया है. चिल्हर में टमाटर 50 से 60 रुपए किलो हो गया है. इन बढ़ती कीमतों की मुख्य वजह भारी बारिश से फसल की खराबी और ट्रकों का कई स्थानों पर फंसे होना बताई जा रही है. साथ ही चिल्हर और थोक बाजार में आवक से ज्यादा सब्जियों की खपत हो रही है. थोक सब्जी मंडी के व्यापारियों ने बताया कि सबसे ज्यादा कीमत में टमाटर और करेला बिक रहे हैं. अब लोकल सब्जियों की आवक पूरी तरह से कम हो गई है. साथ ही बारिश में ट्रांसपोर्टिंग की समस्या होने से सब्जियों की कीमतों में जबरदस्त उछाल आई है.