कैलाश कुमार जैन बरमेचा को दिया गया मुक्तकंठ सम्मान 2024

भिलाई। 22 सितंबर रविवार को सेक्टर-10 के कफी हाउस में आयोजित मुक्तकंठ साहित्य समिति द्वारा आयोजित विशेष कार्यक्रम में मुक्तकंठ सम्मान 2024 का सम्मान कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जाने माने समाज सेवी, कथाकार लेखक साहित्यकार व व्यवसायी कैलाश कुमार जैन बरमेचा को प्रदान किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मुक्तकंठ साहित्य समिति के संस्थापक व अध्यक्ष गोविंद पाल, विशिष्ट अतिथि पुलिस अधीक्षक (सी आई डी) व मुक्तकंठ के संरक्षक नरेंद्र सिक्केवाल, विशिष्ट अतिथि जाने माने ऊर्दू व हिंदी के शायर, कथाकार, बाल साहित्यकार डॉ रौनक जमाल एवं विशिष्ट अतिथि मुक्तकंठ साहित्य समिति के पूर्व अध्यक्ष व वरिष्ठ साहित्यकार रजनीकांत श्रीवास्तव आदि सबने मिलकर मुक्तकंठ सम्मान स्वरूप मुख्य अतिथि कैलाश कुमार जैन को पुष्प गुच्छ भेंट करते हुए शाल ओढ़ाकर, श्रीफल, मोमेंटो और सम्मान पत्र देकर उनका सम्मान किया गया।
सम्मान पत्र का वाचन समिति के कोषाध्यक्ष व कवि साहित्यकार प्रकाश चन्द्र मंडल ने किया। इसके पश्चात कार्यक्रम का संचालन कर रहे मुक्तकंठ साहित्य समिति के उपाध्यक्ष अलोक कुमार चंदा ने मंचस्थ अतिथियों का स्वागत शाल श्रीफल व पुष्प गुच्छ से उपस्थित रचनाकारों से करवाया। मुक्तकंठ साहित्य समिति द्वारा प्रकाशित सितंबर अंक का मासिक साहित्यिक बुलेटिन जो मुक्तकंठ साहित्य समिति के पूर्व महासचिव रहे स्व. ओमप्रकाश शर्मा पर केन्द्रित बुलेटिन का लोकार्पण मुक्तकंठ साहित्य समिति के संपादक व जाने माने कवि प्रदीप भट्टाचार्य ने मंचस्थ अतिथियों के कर कमलों द्वारा सम्पन्न करवाया। समिति के अध्यक्ष गोविंद पाल ने उपस्थित लोगों के समक्ष दो महत्वपूर्ण जानकारी दी।
पहला कि मुक्तकंठ साहित्य समिति के मुख्य अतिथि कैलाश कुमार जैन बरमेचा मुक्तकंठ के मुख्य संरक्षक होने की जानकारी दी एवं मुक्तकंठ साहित्य समिति महासचिव स्व ओमप्रकाश के रिक्त स्थान पर सक्रिय वरिष्ठ साहित्यकार नरेंद्र कुमार सिक्केवाल का नाम प्रस्ताव किया जिसे अलोक कुमार चंदा के समर्थन के साथ उपस्थित सभी मुक्तकंठ साहित्य समिति के सदस्यों ने सहर्ष स्वीकार करते हुए ध्वनिमत से नरेंद्र सिक्केवाल को मुक्तकंठ साहित्य समिति के नये महासचिव नियुक्त किए जाने की घोषणा की गई। अतिथि में रजनीकांत श्रीवास्तव ने ओमप्रकाश शर्मा के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए मुक्तकंठ के कार्यक्रमों के दौरान ओमप्रकाश शर्मा के योगदान को उल्लेख किए। डॉ रौनक जमाल ने भी मुक्तकंठ साहित्य समिति के शुरूआती दौर के संघर्षों के बारे उल्लेख करते हुए कहा कि मुक्तकंठ साहित्य समिति मेरे लिए आज का नहीं मैं मुक्तकंठ के उस दौर में भी जुड़ा रहा जब मुक्तकंठ साहित्य समिति बहुत ही सक्रिय भूमिका अदा कर रही थी। ओमप्रकाश शर्मा को मैं तबसे जानता था। विशिष्ट अतिथि नरेंद्र कुमार सिक्केवाल ने पहले सर्वसम्मति से उन्हें महासचिव चुनने पर सबको धन्यवाद देते हुए कहा कि समिति की भलाई और इसे और ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए मेरे जितना हो सकेगा सौ प्रतिशत देने की कोशिश करुंगा। इसके बाद उन्होंने कवि हृदय की कल्पनाशील भाव से स्व. ओमप्रकाश परलोक से भेजे गए एक पाती के माध्यम से क्या संदेश भेजें है उसे जीवंत बनाते हुए लोगों के समक्ष सुनकर मंत्रमुग्ध कर दिया। मुख्य अतिथि कैलाश चन्द्र जैन बरमेचा ने मुक्तकंठ सम्मान के लिए समिति को धन्यवाद देते हुए कहा कि मुक्तकंठ साहित्य समिति को किसी भी प्रकार की जरूरत पड़े तो हर संभव सहयोग देने के लिए तत्पर रहूंगा।