सांसद विजय बघेल ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव से की बेमेतरा कलेक्टर की शिकायत…!

भिलाई। छत्तीसगढ़ में ब्यूरोक्रेसी और रोजनेताओं के बीच टकराहट खत्म होने का नाम ही नही ले रहा है। पर्वू गृहमंत्री ननकीराम कंवर का कोरबा कलेक्टर को हटाने की मांग को लेकर राजधानी में हुआ बवाल अभी शांत ही हुआ था, बेमेतरा में नये विवाद ने जन्म ले लिया है। बताया जा रहा है कि बेमेतरा शहर के बेसिक स्कूल मैदान में आयोजित राज्योत्सव का पहला ही दिन विवादों से घिरा रहा। विवाद की वजह राज्योत्सव स्थल पर बैठक व्यवस्था रही।
बेमेतरा में राज्योत्सव के पहले दिन आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम को देखने के लिए नगर पालिका के पार्षद मंच के सामने ही सोफा पर बैठे हुए थे। ये बात कलेक्टर रणवीर शर्मा को नागवार गुजरी और उन्होने बीजेपी पार्षदों को पीछे जाकर बैठने की बात कहते हुए फटकार लगा दी। बस फिर क्या था कलेक्टर के इस व्यवहार से क्षुब्द्ध पार्षदों ने तुरंत आपत्ति जताते हुए विरोध शुरू कर दिया। यहां देर रात कलेक्टर रणबीर शर्मा और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच बहस हुई। इस दौरान विधायक दीपेश साहू के सामने ही कलेक्टर के खिलाफ भाजपा कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी भी की गयी।

बताया जा रहा है कि कलेक्टर और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच विवाद शांत नही होने पर विधायक दीपेश साहू समेत अन्य भाजपा कार्यकर्ता कार्यक्रम को छोड़कर चले गए।
इस विवाद के बाद सांसद विजय बघेल की उपस्थिति में देर रात ही विश्राम गृह में आपात बैठक आयोजित किया गया। इस बैठक में विधायक दीपेश साहू समेत पार्टी के पदाधिकारी मौजूदगी में कलेक्टर रणवीर शर्मा को तत्काल बेमेतरा से हटाने की मांग की गयी।

पार्टी सूत्रों की माने तो इस फैसले के बाद सांसद विजय बघेल ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव सहित संगठन महामंत्री पवन साय से फोन पर बात कर इस घटना से अवगत कराया गया। साथ ही कलेक्टर को समय रहते जिले से हटाने की मांग रखी गयी।

बेमेतरा में हुए इस घटना के बाद जिस तरह से बीजेपी नेताओं ने कलेक्टर रणवीर शर्मा के खिलाफ आवाज बुलंद की है, उसने एक बार फिर सूबे की राजनीति को गरमा दी है। बेमेतरा जिले में भाजपा नेताओं ने कलेक्टर को नहीं हटाए जाने तक किसी भी शासकीय कार्यक्रम में भाजपा कार्यकर्ता व जनप्रतिनिधियों के शामिल नही होने का एलान कर दिया है।ऐसे में बीजेपी के बड़े नेताओं को डर है कि इससे पहले ननकीराम कंवर ने कलेक्टर को हटाने की मांग को लेकर जिस तरह से रायपुर में बवाल किया था, वैसी घटना दोबारा न हो जाये। क्योंकि ऐसा होता है तो इससे पार्टी और सरकार के इमेज पर गहरा असर पड़ेगा। खैर देखने वाली बात होगी कि इस पूरे मामले में सरकार क्या फैसला लेती है, ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा।



