इंडिया गठबंधन के सांसदों ने दुर्ग जेल में बंद ननों से मुलाकात कर “भाजपा सरकार पर लगाया अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित करने का आरोप”

दुर्ग। दुर्ग में धर्मांतरण और मानव तस्करी के आरोप में 2 कैथोलिक ननों की गिरफ्तारी को लेकर सियासत तेज हो गई है. मंगलवार को इंडिया गठबंधन के सांसदों ने दुर्ग पहुंचकर जेल में बंद ननों से मुलाकात की. इस दौरान पूर्व सीएम भूपेश बघेल, पूर्व गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, दुर्ग शहर के पूर्व विधायक अरूण वोरा भी मौजूद थे। सांसदों के डेलिगेशन ने ननों से मुलाकात कर विस्तृत चर्चा की. मीडिया से चर्चा करते हुए सांसदों ने केंद्र सरकार पर अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया. वहीं आगे कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए रणनीति तैयार करने की बात कही।
मंगलवार को दुर्ग सेंट्रल जेल में बंद ननों से मिलने इंडिया गठबंधन के कई सांसद पहुंचे, जिनमें केरल के सांसद एनके प्रेमचंद्रन, बेनी बेहनान, फ्रांसिस जॉर्ज, कांग्रेस सांसद सप्तगिरी शंकर उल्का, छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी सचिव जरिता लेतफलांग, अल्पसंख्यक नेता अनिल ए थॉमस शामिल रहे. जेल परिसर के बाहर शुरुआत में कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल और सांसदों को रोका गया. कहा गया कि मिलने का समय खत्म हो चुका है. इस पर सांसदों ने विरोध किया.
इंडिया गठबंधन के सांसदों को पहले तो जेल में बंद नैनो से मिलने के लिए अनुमति नहीं दी गई, लेकिन बाद में जेल डीजी की अनुमति के बाद उन्हें मुलाकात करने दिया गया.
इस दौरान पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य सरकार की कार्रवाई पर सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिरकार लोकसभा छोड़कर आए सांसदों को वह जेल में बंद महिला बंदियों से मुलाकात करने से रोक रहा है.
ननों से मुलाकात के बाद सांसद एनके प्रेमचंद्रन ने बताया कि जेल में नन सुरक्षित हैं, लेकिन रेलवे स्टेशन पर उन्हें सबसे ज्यादा प्रताड़ित किया गया. सांसदों ने कहा कि वे यह मामला संसद में उठाएंगे और गृहमंत्री अमित शाह से भी मुलाकात करेंगे.
केरल सांसद बेनी बेहनान ने कहा कि दोनों नन मेरे ही लोकसभा क्षेत्र के हैं. मैं उन्हें अच्छी तरह से जानता हूं. देशभर में सबसे अधिक अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित किया जा रहा है. बजरंग दल और आरएसएस के दूसरे विंग को बढ़ावा दिया जा रहा है. यहां किसी प्रकार के धर्मांतरण और न ही मानव तस्करी का मामला है. सांसद सप्तगिरि उल्का ने कहा कि बजरंग दल वालों ने सिर्फ महिला नन के कपड़े देखकर उनके साथ अभद्रता की और उन पर मानव तस्करी और धर्मांतरण का आरोप लगाकर पुलिस ने उन्हें जेल में बंद कर दिया है. हम कानूनी तरीके से इस लड़ाई को लड़ेंगे. मुख्यमंत्री विष्णु साय से भी इस विषय पर मुलाकात करेंगे. यहां धर्मांतरण और मानव तस्करी का मामला नहीं है.
बता दें कि 25 जुलाई को दुर्ग रेलवे स्टेशन पर धर्मांतरण और मानव तस्करी को लेकर हंगामा हुआ. बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने 2 नन के साथ एक युवक और 3 आदिवासी युवतियों को घेरकर रोका. बजरंग दल ने आरोप लगाए थे कि युवतियों को बहला-फुसलाकर उत्तर प्रदेश के आगरा ले जाया जा रहा था. जहां उनके धर्मांतरण की योजना थी. बजरंग दल के हंगामे के बाद दो नन और एक युवक को जीआरपी ने गिरफ्तार किया था, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया था।
दुर्ग जेल में दो ननों की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली से चार सांसद रायपुर आए. इस मुद्दे को लेकर राज्य सरकार से मुलाकात की तैयारी कर रहे हैं. वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद वृंदा करात ने कहा, ”छत्तीसगढ़ में बजरंग दल को खुली छूट दी गई है. दो सिस्टर को जिस तरह से अपमानित और परेशान किया गया, उनके खिलाफ FIR कर दी गई, यह बेहद निंदनीय है.” वृंदा करात ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री से मुलाकात के लिए समय मांगा है. उन्होंने कहा, “हमारा मानना है कि छत्तीसगढ़ में जो कुछ हो रहा है, वह भारत के संविधान के अनुरूप नहीं है. यह धर्म परिवर्तन का मामला नहीं है, बल्कि नन आदिवासी लड़कियों को उनके और उनके परिवार की सहमति से नौकरी दिलाने के लिए आगरा ले जा रही थीं.”
इंडी गठबंधन के सांसदों को नन से मिलने देने के मामले में विपक्ष के आरोपों पर बीजेपी की ओर से प्रतिक्रिया आई है. मामले में विजय शर्मा ने कहा, “नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने मुझे फोन कर इंडी सांसदों से मिलने की बात कही थी.
उस समय दोपहर 1.30 बजे का समय तय हुआ था, लेकिन वे उस समय नहीं आए. बाद में जब सांसदों ने जेल में मुलाकात कर ली, तब यहां (अन्य जगह) मुलाकात की बात हुई.” आगे कहा, “मैंने खुद जेल प्रबंधन से बात कर उनके मिलने की व्यवस्था कराई. यह कहना गलत है कि उन्हें मिलने नहीं दिया गया. किसी को भी मिलने में कोई दिक्कत नहीं है. कानून अपना काम कर रहा है.”