छत्तीसगढ़

शिक्षकों की लापरवाही के कारण छात्र और अभिवावक हुए आक्रोशित

कवर्धा। शासकीय स्कूलों में बदहाली दूर करने के लिए सरकार कई महत्वकांक्षी योजनाएं चला रही है ताकि शिक्षा की व्यवस्था बेहतर हो सके लेकिन कुछ जगहों पर शिक्षकों की मनमानी के चलते छात्रों का भविष्य गर्त में जाता दिख रहा है। ताजा मामला पंडरिया के वनांचल क्षेत्र के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अमोरा का है। वहां पर चार शिक्षक पदस्थ हैं और चारों नदारद रहते हैं। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है।

जानकारी के अनुसार कवर्धा जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर अमोरा गांव के स्कूल में पढ़ने वाले छात्र और उनके अभिभावक आक्रोशित हैं। स्कूल में ताला लगा हुआ है और छात्रों की पढ़ाई बर्बाद हो रही है। उनसे बातचीत पर पता चला कि, स्कूल में चार शिक्षक पदस्थ हैं, जिनमें से एक शिक्षक पिछले एक साल से छुट्टी पर है। दो शिक्षक 23 जनवरी से नदारद हैं। सिर्फ प्रधान पाठक स्कूल आते हैं लेकिन वे भी पढ़ाने की जगह इधर-उधर घूमते रहते हैं।

छात्रों का कहना है कि, परीक्षा सिर पर है। ऐसे जरूरी समय में भी शिक्षकों की लापरवाही और आपसी विवाद के कारण हम पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। वहीं अभिभावकों में भारी नाराजगी है। उन्होंने बताया कि, प्रधान पाठक दादागिरी करता है इस वजह से ही बाकी शिक्षक स्कूल नहीं आते। वहीं जैसे ही प्रधान पाठक को इसकी जानकारी मिली कि, मीडिया वाले स्कूल आए हैं वह तुरंत स्कूल पहुंचे। जब हमने उनसे शिक्षकों के आपसी विवाद, स्कूल से नदारद रहने जैसे सवाल पूछे तो वह गोलमोल जवाब देने लगे।

इस मामले में क्षेत्रीय विधायक ने कहा कि, मामले को हमने संज्ञान में लिया है। शिक्षकों के बीच का विवाद जल्द ही सुलझाया जाएगा। डीईओ जल्द ही इस स्कूल में शिक्षक उपलब्ध कराएंगे। डीईओ ने कहा कि, बच्चों और ग्रामीणों की शिकायत पर प्रधान पाठक को हटाया जाएगा। नदारद शिक्षकों को स्कूल ज्वाइन करने का और अक शाला संगवारी शिक्षक की पदस्थापना का आदेश दिया गया है।

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