अपराध (जुर्म)छत्तीसगढ़रायपुर

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राहुल गांधी के ट्वीट पर पलटवार करते हुए कहा “संवेदनशील मामलों पर कांग्रेस को नहीं करनी चाहिए राजनीति”

रायपुर। दुर्ग रेलवे स्टेशन पर दो ननों की गिरफ्तारी ने देशभर में सियासी हलचल मचा दी है। इस मामले को लेकर सरकार पर विपक्ष के तीखे हमले शुरू हो गए हैं। वहीं इस मामले में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का भी बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि नन पकड़े जाने की वास्तविकता यह है कि नारायणपुर जिले की बेटियों को नौकरी दिलाने का झांसा देकर ननों द्वारा आगरा ले जाया जा रहा था। यह पूरा मामला प्रलोभन और ह्यूमन ट्रैफिकिंग का है। इसकी जांच जारी है। कानून अपने हिसाब से काम करेगा। ऐसी स्थिति में कांग्रेस को राजनीति नहीं करनी चाहिए। छत्तीसगढ़ शांति का टापू है। सीएम साय ने आगे कहा कि हम धर्मांतरण के पूरी तरह विरोध में हैं। कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं है, इसीलिए ऐसे मामलों पर राजनीति की जाती है।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, इस प्रकरण में ह्यूमन ट्रैफिकिंग और मतांतरण की आशंका व्यक्त की जा रही है, जो महिलाओं की सुरक्षा और सामाजिक ताने-बाने को प्रभावित करने वाला गंभीर विषय है। उन्होंने बताया कि मामले की जांच जारी है और यह न्यायालयीन प्रक्रिया में है। सरकार पूरी पारदर्शिता और संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रही है, तथा कानून अपनी प्रक्रिया के अनुसार निर्णय लेगा।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि छत्तीसगढ़ एक शांतिप्रिय और समावेशी प्रदेश है जहाँ सभी धर्म और समुदाय के लोग आपसी सद्भाव के साथ रहते हैं।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हमारी सरकार महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। हमारी बस्तर की बेटियों से जुड़े मुद्दे को राजनीतिक रूप देना दुर्भाग्यजनक है। उन्होंने कहा की कि इस प्रकार की घटनाओं को राजनीतिक रंग देने से बचना चाहिए, विशेषकर जब बात हमारी बस्तर की बेटियों की सुरक्षा से जुड़ी हो।

घटना 25 जुलाई की है जब दुर्ग रेलवे स्टेशन पर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने मानव तस्करी और धर्मांतरण का आरोप लगाते हुए दो ननों और एक युवक को रोका। आरोप था कि तीनों, नारायणपुर जिले की तीन लड़कियों को बहला-फुसलाकर आगरा ले जा रहे थे।

बजरंग दल की जिला संयोजिका ज्योति शर्मा के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने रेलवे स्टेशन पर नारेबाजी करते हुए GRP के हवाले कर दिया। GRP थाना भिलाई-3 के अंतर्गत दुर्ग जीआरपी चौकी में मामले की जांच शुरू हुई और धर्मांतरण की धारा 4 के तहत मामला दर्ज कर तीनों को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया।

लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने X (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए इस कार्रवाई को ‘गुंडा राज’ करार दिया है। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि “छत्तीसगढ़ में दो कैथोलिक ननों को उनकी आस्था के कारण निशाना बनाकर जेल भेज दिया गया – यह न्याय नहीं, बल्कि भाजपा-आरएसएस का गुंडा राज है। यह एक खतरनाक पैटर्न को दर्शाता है: इस शासन में अल्पसंख्यकों का व्यवस्थित उत्पीड़न। यूडीएफ सांसदों ने आज संसद में विरोध प्रदर्शन किया। हम चुप नहीं बैठेंगे। धार्मिक स्वतंत्रता एक संवैधानिक अधिकार है। हम उनकी तत्काल रिहाई और इस अन्याय के लिए जवाबदेही की मांग करते हैं।”

इस घटना की गूंज संसद में भी सुनाई दी। 28 जुलाई को संसद भवन के बाहर UDF के सांसदों ने इस कार्रवाई के खिलाफ जोरदार किया। AICC महासचिव वेणुगोपाल ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा कि छत्तीसगढ़ के दुर्ग में कैथोलिक ननों की चौंकाने वाली गिरफ्तारी और उत्पीड़न के खिलाफ आज यूडीएफ सांसदों ने संसद के बाहर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। बिना किसी अपराध के हिंसक भीड़ ने उन्हें निशाना बनाया। भाजपा-आरएसएस तंत्र द्वारा, सभी अल्पसंख्यकों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया जाता है और अपने धर्म का पालन करने वाले साथी नागरिकों को डराने-धमकाने के लिए गुंडे तत्वों को छोड़ दिया जाता है। छत्तीसगढ़ में बजरंग दल के गुंडों और पुलिस के बीच यह जुगलबंदी धार्मिक अल्पसंख्यकों के प्रति भाजपा की असली मंशा को दर्शाती है। हम उनकी तत्काल रिहाई और निर्दोष ननों के लिए न्याय की मांग करते हैं।

Shahin Khan

Editor, acn24x7.com

Related Articles

Back to top button