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ब्रेकिंग केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बस्तर जिले को नक्सलमुक्त घोषित किया

रायपुर। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले को लेफ्ट विंग एक्स्ट्रीमिज्म (LWE) यानी वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों की सूची से बाहर कर दिया है। यह निर्णय अप्रैल 2025 से प्रभावी हुआ है, जिसके तहत बस्तर जिले को केंद्र सरकार से मिलने वाली LWE के तहत वित्तीय सहायता भी बंद कर दी गई है।

बस्तर जिला लंबे समय से नक्सल प्रभावित क्षेत्र माना जाता था। हालांकि, हाल के वर्षों में सुरक्षा बलों की सक्रियता, विकास कार्यों की गति और स्थानीय प्रशासन की पहल के चलते नक्सली गतिविधियों में उल्लेखनीय कमी आई है।

बस्तर कलेक्टर हरीश एस. ने बताया कि अब बस्तर को “लेगसी डिस्ट्रिक्ट” के रूप में स्थापित किया गया है, जो दर्शाता है कि यह अब नक्सल प्रभावित नहीं रहा।

बस्तर संभाग में कुल 7 जिले हैं: बस्तर, दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा, नारायणपुर, कोंडागांव और कांकेर। इनमें से बस्तर और कोंडागांव को अब LWE सूची से बाहर कर दिया गया है। इसके अलावा, राजनांदगांव, कवर्धा और खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिलों को भी सूची से हटाया गया है।

बस्तर जिले के विभिन्न क्षेत्रों में सुरक्षा बलों ने कैंप और थानों की स्थापना की है, जैसे दरभा, कोलेंग, तुलसीडोंगरी, मारडूम, ककनार और लोहंडीगुड़ा में। इसके साथ ही, इन इलाकों में पक्की सड़कों का निर्माण और अन्य विकास कार्य भी किए गए हैं, जिससे जनजीवन सामान्य हुआ है।

हाल ही में, बस्तर डिवीजन और पीएलजीए बटालियन नंबर 1 में सक्रिय 18 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, जिनमें से 12 पर कुल 39 लाख रुपये का इनाम घोषित था। यह दर्शाता है कि नक्सली संगठन की पकड़ कमजोर हो रही है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सितंबर 2024 में घोषणा की थी कि केंद्र सरकार मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार अगले तीन महीनों में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लिए एक समग्र विकास योजना लाएगी, जिससे स्वास्थ्य, रोजगार और अन्य कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा।

यह निर्णय बस्तर जिले के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जो अब शांति, विकास और सामान्य जीवन की ओर अग्रसर हो रहा है।

Shahin Khan

Editor, acn24x7.com

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