मुख्यमंत्री विष्णुदेव ने पीएससी के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी की गिरफ्तारी को लेकर किया ट्वीट
रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के ख़ास रहे IAS टामन सिंह सोनवानी को सीबीआई ने 45 लाख की रिश्वत लेने के आरोप में सोमवार गिरफ्तार किया है। टामन सिंह सोनवानी की गिरफ्तारी को लेकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने ट्वीट कर कहा है कि मेरा छत्तीसगढ़ के युवा अभ्यर्थियों से अनुरोध है कि आप सभी मन लगा कर पढ़ाई करें और अपना भविष्य उज्ज्वल बनाएं। हमारी सरकार आपके हितों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है। आपके भविष्य से खिलवाड़ करने वालों को कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी।
उल्लेखनीय है कि टामन सिंह सोनवानी की नियुक्ति शुरू से विवादस्पद रही है। सोनवानी को राजनीतिक हलकों में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बहुत क़रीबी माना जाता रहा है और यह भी कहा जाता रहा कि टामन सिंह सोनवानी की नियुक्ति एक बहुत ही सोची समझी रणनीति के तहत पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा की गई थी। ताकि वे अपने चहेतों और रिश्तेदारों की नियुक्तियां पीछे के दरवाज़े से कर सकें। इसीलिए सोनवानी की नियुक्ति के बाद यह विवाद बढ़े और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार विवादों में आई और उसकी रणनीति आज ये हुई कि टामन सिंह सोनवानी की गिरफ़्तारी सीबीआई ने कर ली।
राज्य सेवा परीक्षा घोटाले में फंसे पीएससी के पूर्व चेयरमैन IAS टामन सिंह सोनवानी को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है। सीबीआई ने कुछ महीने पहले सोनवानी के घर छापेमारी भी की थी। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी को गिरफ्तार कर लिया गया है। ये गिरफ्तारी सीबीआई ने की है। आपको बता दें पीएससी घोटाले की जांच सीबीआई कर रही है। कुछ माह पूर्व सोनवानी के घर पर सीबीआई दबिश भी दी है। अब खबर आ रही है कि पूर्व आईएएस और सीजीपीएससी के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) भर्ती घोटाले में बड़ा अपडेट सामने आया है। सोमवार को मामले में आरोपित सीजीपीएससी के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी को केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने गिरफ्तार कर लिया है। बता दें कि CBI ने कुछ महीने पहले ही सोनवानी के घर पर छापा मारा था, जिसके बाद अब उनकी गिरफ्तारी की गई है।
सीबीआई ने सोमवार को दो बड़ी गिरफ्तारियां कीं. सीजी पीएससी के पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी को 2021 पीएससी परीक्षा में 45 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। प्रदेश के बहुचर्चित कथित सिविल सेवा भर्ती घोटाले में आखिरकार सीबीआई एक्शन में आ गई है। एजेंसी ने कहा कि परीक्षा में चयनित 171 उम्मीदवारों में से तत्कालीन वरिष्ठ छत्तीसगढ़ सरकार के अधिकारियों और राजनेताओं के बेटे, बेटियां, रिश्तेदार मेरिट सूची में शामिल थे। केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने कथित छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (पीएससी) घोटाले की जांच शुरू कर दी है। तत्कालीन राष्ट्रपति, अधिकारियों और राजनेताओं के परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों को 2020-22 के दौरान जिला कलेक्टर और उप सांसद के रूप में नियुक्त किया गया है।
सीबीआई ने कथित भाई-भतीजावाद और जिला कलेक्टरों और डिप्टी एसपी के महत्वपूर्ण पदों पर भर्ती की सुविधा के लिए अपने अयोग्य बेटों, बेटियों, रिश्तेदारों और परिचितों को मेरिट सूची में शामिल करने के लिए तत्कालीन सीजीपीएससी अध्यक्ष तमन सिंह सोनवानी, सचिव जेके ध्रुव और अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी। इस आरोप में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। सीबीआई का दावा है कि सोनवानी के बेटे नितेश को डिप्टी कलेक्टर के रूप में तैनात किया गया था, उनके बड़े भाई साहिल के बेटे साहिल को डिप्टी एसपी के रूप में तैनात किया गया था और उनकी बहन की बेटी सुनीता जोशी को श्रम निरीक्षक के रूप में तैनात किया गया था, उनके बेटे की पत्नी निशा खोसले को डिप्टी कलेक्टर के रूप में तैनात किया गया था और उनके भाई को। बताया गया कि बेटी लोवे का चयन डिप्टी कलेक्टर के पद पर हुआ है। आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के तत्कालीन सचिव (ध्रुव) ने अपने बेटे (सुमित) का चयन डिप्टी कलेक्टर पद के लिए किया था।