डिप्टी सीएम अरुण साव बोले “छत्तीसगढ़ में जब से बीजेपी की सरकार बनी है, तब से विकास के लिए पैसों की कोई कमी नही है”

कोरबा। “छत्तीसगढ़ में जब से बीजेपी की सरकार बनी है, तब से विकास के लिए पैसों की कोई कमी नही है” ये कहना है छत्तीसगढ़ सरकार के डिप्टी सीएम अरूण साव का, लेकिन जब उनसे….पैसों की कमी नही होने के बाद भी नगर निगम आयुक्त के टेबल पर सैकड़ों की संख्या में वर्क आर्डर की फाइलें साइन नही होने के मुद्दे पर सवाल पूछा गया, तो डिप्टी सीएम ने इस बात से अनभिज्ञता जता दी। आगे सवाल पूछकर जवाब जानने की कोशिश की गयी, तो मंत्रीजी को सवाल पसंद नही आया और वह पलटकर चलते बने। ये पूरा वाक्या आज कोरबा जिले में सामने आया, जब डिप्टी सीएम अरूण साव नगर निगम के विकास कार्यो का लोकार्पण और भूमि पूजन करने पहुंचे थे।
छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम अरूण साव आज कोरबा प्रवास पर रहे। कोरबा में आयोजित नगर निगम क्षेत्र में 18 करोड़ रूपये से अधिक के विकास कार्यो का लोकार्पण किया गया। इसके साथ ही विवेकानंद उद्यान के ठीक सामने बने अटल परिसर में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की प्रतिमा का उन्होने अनावरण किया। नगर निगम के तय कार्यक्रम के बाद डिप्टी सीएम अरूण साव मीडिया से रूबरू हुए। मीडिया के सवाल जवाब पर उन्होने एक बार फिर दावा किया कि प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने के बाद से सतत विकास कार्य किये जा रहे है। विकास कार्यो के लिए पैसों की कोई कमी नही है।

डिप्टी सीएम के इस जबाब पर निगम के विपक्ष के पार्षदों के आरोप पर जब सवाल पूछा गया कि यदि निगम में पैसों की कमी नही है तो फिर सैकड़ों की संख्या में विकास कार्यो के वर्क आर्डर पर निगम आयुक्त हस्ताक्क्षर क्यों नही कर रहे ? मीडिया के इस सवाल पर डिप्टी सीएम साव ने कहा कि उन्हे इस बात की जानकारी नही है। उन्होने आगे कहा कि पहले की जो अव्यवस्था थी, वो समाप्त हो गयी है, अब तेज गति से नगरों का विकास किया जा रहा है। मीडिया डिप्टी सीएम से आगे सवाल पूछती…..लेकिन उन्हे सवाल पसंद नही आया और वह पलटकर वापस लौट गये।

वहीं नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष कृपा राम साहू ने डिप्टी सीएम अरूण साव से शिकायत की है। उन्होने आरोप लगाया कि नगर निगम कोरबा में सत्ता परिवर्तन के बाद बेतहासा फिजुल खर्ची की जा रही है। बारिश में एक तरफ कोरबा का अधिकांश वार्ड पानी में डूबा हुआ है। उधर निगम की सत्ता में बैठ लोगों द्वारा चहेते ठेकेदारों को ठेका दिलाने के लिए मनमानी की जा रही है। उन्होने आरोप लगाया कि हाल ही में 18 निविदाओं में भाग लेने वाले 16 फर्मो का टेंडर गलत तरीके से निरस्त कर दिया गया, जबकि सिर्फ 2 निविदा को ही खोला गया। निगम के नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया है कि नगर निगम में सैकड़ों की संख्या में वर्क आर्डर की फाइल और ठेकेदारों के बिल पेंडिंग पड़े हुए है, लेकिन उन पर अफसर साइन नही कर रहे। जिसके कारण शहर का अधिकांश विकास कार्य बाधित होने के साथ ही विकास की रफ्तार पूरी तरह से ठप्प हो गयी है।



