अब सीबीआई करेगी 570 करोड़ रुपये के कोल लेवी घोटाले की जांच…!

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 570 करोड़ रुपये के कोल लेवी घोटाले की जांच अब केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) के हवाले कर दी गई है। राज्य सरकार ने इस घोटाले की सीबीआई जांच को लेकर गृह विभाग के जरिए गोपनीय आदेश जारी कर दिया है। इस आदेश के बाद पूरे प्रदेश में सियासी हलकों से लेकर प्रशासनिक गलियारों तक हलचल तेज हो गई है।
सूत्रों के अनुसार, यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत लिया गया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार ने यह संदेश दे दिया है कि चाहे कोई भी कितना बड़ा पदाधिकारी, रसूखदार नेता या कारोबारी क्यों न हो, अब कार्रवाई से बच नहीं सकेगा। जांच एजेंसियों के अनुसार, वर्ष 2020 से 2022 के बीच छत्तीसगढ़ में कोयला परिवहन के नाम पर अवैध वसूली का संगठित खेल चला। हर टन कोयले पर 25 रुपये की दर से वसूली की गई, जिससे करीब 570 करोड़ रुपये की अवैध राशि उगाही की गई। इस पूरे घोटाले में रायपुर के कारोबारी सूर्यकांत तिवारी को मास्टरमाइंड बताया गया है। ईडी के अनुसार, तिवारी ने अफसरों, ट्रांसपोर्टरों और बिचौलियों के साथ मिलकर यह पूरा तंत्र खड़ा किया। तिवारी इस समय न्यायिक हिरासत में है और उसकी जमानत याचिकाएं बार-बार खारिज हो चुकी हैं।
इस घोटाले की जांच को लेकर पहले ही कानूनी प्रक्रिया शुरू हो चुकी थी। August 14, 2023 को ईडी ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि पीएमएलए की धारा 66 के तहत ईडी ने राज्य सरकार को घोटाले के दस्तावेज सौंपे थे, लेकिन राज्य स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
ईडी ने याचिका में यह भी कहा था कि राज्य के आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो और भ्रष्टाचार निवारण शाखा (ACB/EOW) में अधिकांश अधिकारी राज्य पुलिस सेवा के हैं, जो प्रत्यक्ष रूप से सरकार के अधीन काम करते हैं। इससे निष्पक्ष जांच पर सवाल उठते हैं।
सूत्रों के अनुसार CBI जांच की अनुमति मिलते ही छत्तीसगढ़ में नए सिरे से छापेमारी और गिरफ्तारी की तैयारी शुरू हो चुकी है। सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में बड़े अफसरों, रसूखदार नेताओं और कारोबारियों पर शिकंजा कस सकता है। इस पूरे घटनाक्रम ने छत्तीसगढ़ की राजनीति और प्रशासन में हलचल मचा दी है।