एमपी की ईओडब्ल्यू टीम ने मरवाही से कोयला व्यापारी जफर शेख को किया गिरफ्तार

पेंड्रा। छत्तीसगढ़ के मरवाही में मध्य प्रदेश आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) ने मरवाही से कोयला व्यापारी जफर शेख को गिरफ्तार किया है। शेख पर फर्जी दस्तावेजों के जरिए करोड़ों रुपये का कोयला बेचने का आरोप है।
यह मामला 30 जून को भोपाल में बोगस बिलिंग के रूप में दर्ज किया गया था। शेख के पास अंबर कोल डिपो और अनम ट्रेडर्स के नाम से दो फर्म हैं, जो रानीताल जबलपुर में पंजीकृत हैं। इन फर्मों ने अभिजीत ट्रेडर्स, मां रेवा ट्रेडर्स और नमामि ट्रेडर्स से व्यापार किया है। जफर शेख की दो कंपनियां—अम्बर कोल डिपो और अनम ट्रेडर्स—जबलपुर के रानीताल क्षेत्र में पंजीकृत हैं। इन फर्मों ने अभिजीत ट्रेडर्स, मां रेवा ट्रेडर्स, नमामि ट्रेडर्स, जगदम्बा कोल केरियर और महामाया ट्रेडर्स के साथ व्यापार किया, जिनका संबंध विनोद सहाय की फर्म JMKD कोल से जुड़ा हुआ पाया गया।
जांच में यह खुलासा हुआ है कि जफर शेख ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भाटिया कोल (बिलासपुर), खालसा कोल (बिलासपुर), आर्यन कोल वॉशरी, जैन कोल वॉशरी (अनूपपुर), हरिजिका कोल (रायगढ़), प्रकाश इंडस्ट्रीज (चांपा), एमएसपी पावर प्लांट (रायगढ़) और बीएस सिंघल पावर प्लांट (रायगढ़) जैसे प्रतिष्ठानों को कोयला आपूर्ति की बिलिंग की थी। इन बिलों को सही दिखाने के लिए उसने राजा सरावगी (बुढार), अशोक चतुर्वेदी (बुढार) और राजेश कोटवानी (बिलासपुर) से कोयला आपूर्ति का झूठा विवरण तैयार कराया।
मामले के मुख्य आरोपी विनोद सहाय की कंपनी जेएमकेडी कोल के लिए शेख फर्जी बिल बनाता था। इन बिलों में भटिया कोल बिलासपुर, खालसा कोल बिलासपुर, आर्यन कोल वॉशरी समेत कई कंपनियों का जिक्र था। शेख ने राजा सरावगी, अशोक चतुर्वेदी और राजेश कोटवानी से कोयला खरीदने का दिखावा किया।
मुख्य आरोपी विनोद सहाय को पहले ही झारखंड के रांची से गिरफ्तार किया जा चुका है। मामला धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक साजिश की धाराओं में दर्ज है। EOW की 7 सदस्यीय टीम ने शेख को उसके घर से गिरफ्तार कर भोपाल ले गई है। जांच में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के अन्य कोयला व्यापारियों के नाम भी सामने आ सकते हैं।