पिकअप पलटने से मासूम सहित 2 लोगों की मौत, 14 लोग गंभीर रूप से घायल

कवर्धा। कबीरधाम जिले के सरोधा के पास पलानी घाट में शनिवार को एक दर्दनाक हादसा हुआ। चौथिया कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे लोगों से भरी एक पिकअप वाहन अनियंत्रित होकर पलट गई। इस भीषण दुर्घटना में वाहन चालक श्रवण साहू की 14 वर्षीय बेटी उर्वशी साहू और एक अन्य महिला मुखिन बाई की मौत हो गई, जबकि 30 से अधिक लोग घायल हो गए। इनमें से कई की हालत गंभीर बनी हुई है।
परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार विकासखंड लोहारा के सिंघनपुरी जंगल से साहू परिवार की बेटी की शादी के चौथिया कार्यक्रम में शामिल होने के लिए दो पिकअप वाहनों में करीब 100 लोग सवार होकर जा रहे थे। एक वाहन में पुरुष और दूसरे में महिलाएं थीं। सरोधा के पास पलानी घाट में महिलाओं को ले जा रही पिकअप वाहन अचानक अनियंत्रित होकर 10 फीट नीचे खेत में पलट गई।हादसे की भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वाहन में सवार अधिकांश लोग घायल हो गए।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मालवाहक वाहन तेज गति से जा रहा था, तभी अचानक अनियंत्रित होकर पलट गया। हादसे के बाद मौके पर चीख-पुकार मच गई। घायलों में कई की हालत नाजुक बताई जा रही है।
स्थानीय लोगों ने तुरंत प्रशासन को सूचना दी। इसके बाद कवर्धा से एंबुलेंस और बचाव दल मौके के लिए रवाना किए गए। घायलों को अस्पताल ले जाया गया।
हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय लोगों ने घायलों को बचाने में मदद की और पुलिस व एंबुलेंस को खबर दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने तुरंत बचाव कार्य शुरू किया। गंभीर रूप से घायल लोगों को जिला अस्पताल कवर्धा लाया गया। अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई। एंबुलेंस की आवाज से शहर गूंज उठा। घायलों की गंभीर स्थिति को देखते हुए उपमुख्यमंत्री के निर्देश पर सभी उपलब्ध सरकारी और निजी एंबुलेंस को सेवा में लगा दिया। कई घायलों को बेहतर इलाज के लिए निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। मृतकों के परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है।
घटना की जानकारी मिलते ही उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने जिला प्रशासन को तत्काल राहत कार्यों में जुटने के निर्देश दिए।उन्होंने गंभीर रूप से घायलों को बेहतर चिकित्सा सुविधा देने के लिए निजी अस्पतालों में भर्ती कराने की व्यवस्था की। उपमुख्यमंत्री ने कहा,यह हादसा बेहद दुखद है।सभी घायलों को सर्वोत्तम इलाज मुहैया कराया जा रहा है। प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि किसी भी घायल को किसी प्रकार की असुविधा न हो।