छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड ने 437 लोगों को अंतिम नोटिस देकर कहा किराया दें या कब्जे से बेदखल हो जाएं…

रायपुर। छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड ने अपनी संपत्तियों पर अवैध कब्जों और किराया न देने वालों के खिलाफ एक बड़ी और निर्णायक कार्रवाई शुरू की है। बोर्ड का आरोप है कि प्रदेशभर में करोड़ों की वक्फ संपत्तियों पर या तो गलत तरीके से रजिस्ट्री करा ली गई है या फिर उन पर काबिज लोग किराया नहीं दे रहे हैं। इसी कड़ी में बोर्ड ने सख्त रुख अपनाते हुए अंतिम नोटिस जारी किया है।

वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज ने खुलासा किया है कि प्रदेश में लगभग 500 करोड़ रुपये की वक्फ संपत्तियों पर फर्जी तरीके से रजिस्ट्री करा ली गई है। इसी सिलसिले में बोर्ड ने राज्य भर में कुल 562 लोगों को नोटिस जारी किए थे। इनमें से 125 लोगों ने जवाब देने के लिए समय मांगा है, जबकि शेष 437 लोगों को शुक्रवार को अंतिम नोटिस जारी कर दिया गया है। इन नोटिसों में स्पष्ट चेतावनी दी गई है कि या तो वे किराया दें या फिर संपत्ति खाली करें।

वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज ने स्पष्ट शब्दों में कहा है, “जो लोग वक्फ की संपत्ति पर काबिज हैं, उन्हें किराया देना होगा, अन्यथा उन्हें बेदखल कर दिया जाएगा।” उन्होंने जोर देकर कहा कि वक्फ की एक-एक इंच जमीन को अवैध कब्जों से मुक्त कराया जाएगा। जो लोग संपत्ति के वक्फ की न होने का दावा कर रहे हैं, वे गलत हैं, क्योंकि नोटिस सभी दस्तावेज देखने के बाद ही जारी किए गए हैं। जिन 437 लोगों को अंतिम नोटिस दिया गया है, उनमें राजधानी रायपुर के भी 40 लोग शामिल हैं। इनमें मालवीय रोड स्थित लक्ष्मी इलेक्ट्रॉनिक्स, एवन बेकरी, सुप्रीम फुटवियर और पगारिया ज्वेलर्स जैसे कई प्रतिष्ठित प्रतिष्ठान भी हैं।

बोर्ड का कहना है कि किसी भी सूरत में वक्फ की संपत्ति पर अवैध कब्जा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अंतिम नोटिस पाने वाले 437 लोगों को 15 दिनों का समय दिया गया है। डॉ. राज ने स्पष्ट किया कि जो दुकानदार या अन्य व्यक्ति वक्फ संपत्ति पर काबिज हैं और किराया देने के लिए सहमत होते हैं, उनके साथ विधिवत अनुबंध किया जाएगा। किराए की दर कलेक्टर गाइडलाइन के अनुसार तय की जाएगी। बोर्ड का उद्देश्य किसी को परेशान करना नहीं, बल्कि वक्फ संपत्तियों का सही प्रबंधन सुनिश्चित करना है।
बोर्ड की इस पहल का असर भी दिखने लगा है। अब तक प्रदेश भर में 17 लोगों के साथ किराया अनुबंध किया जा चुका है। रायपुर के हलवाई लाइन से तीन लोगों – मो. अफजल, सकीना बानो और अब्दुल रहीम – के साथ अनुबंध हो चुका है। इनमें दो मकानों का किराया 3500 रुपये प्रति माह और एक दुकान का किराया 22,000 रुपये प्रति माह तय किया गया है। बोर्ड अध्यक्ष ने साफ कर दिया है कि जो लोग किराया देने में आनाकानी करेंगे या अवैध कब्जा नहीं छोड़ेंगे, उनके खिलाफ सख्ती से कानूनी कार्रवाई करते हुए बेदखली की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड का यह कदम प्रदेश में वक्फ संपत्तियों के संरक्षण और उनके उचित उपयोग की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है। इससे न केवल बोर्ड की आय में वृद्धि होगी, बल्कि संपत्तियों का दुरुपयोग भी रुकेगा।



