बढ़ते अपराध के खिलाफ सीएम हाउस का घेराव करने निकले कांग्रेसी

रायपुर। प्रदेश में बढ़ते अपराध के खिलाफ पीसीसी चीफ दीपक बैज के नेतृत्व में आज कांग्रेस सीएम निवास घेराव करने जा रही है. घेराव से पहले रायपुर नगर निगम के सामने कांग्रेस ने बड़ी सभा का आयोजन किया. सभा में प्रदेश भर से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पदाधिकारी और कार्यकर्ता पहुंचे. सीएम हाउस कूच करने से पहले वरिष्ठ नेताओं ने सभा को संबोधित करते हुए पिछले डेढ़ साल में प्रदेश में बढ़ते अपराध के आंकड़ों के साथ महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार, लूट और हत्या सहित कई मुद्दों पर साय सरकार के खिलाफ हमला बोला.
अपराध के खिलाफ आवाज उठाने ब्ड निवास घेराव में पीसीसी चीफ दीपक बैज, नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत, पूर्व मंत्री ताम्रध्वज साहू, पूर्व पीसीसी चीफ धनेंद्र साहू, सह-प्रभारी विजय जांगीड़, जरिता लैतफलांग, प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष फूलो देवी नेताम, प्रभारी महामंत्री मलकीत गैदू, विधायक अंबिका मरकाम, चातुरी नंद, उमेश पटेल, पूर्व विधायक अरुण वारा, गुरमुख होरा, पूर्व सांसद छाया वर्मा, पूर्व विधायक अनीता शर्मा, पूर्व मंत्री अमितेश शुक्ल, विकास उपाध्याय, सत्यनारायण शर्मा, प्रमोद दुबे सहित संगठन के पदाधिकारी, एनएसयूआई, यूथ कांग्रेस, महिला कांग्रेस के सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल हुए.
पीसीसी चीफ दीपक बैज ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक होगा. हमारी लड़ाई छत्तीसगढ़ की जनता के हक, बीजेपी और सरकार के खिलाफ लड़ाई है. 42 डिग्री हो या 45 हमारी माता-बहनों को बचाने से हमें कोई नहीं रोक सकता. आज आत्मानंद स्कूल में 9 वीं कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा के साथ दुष्कर्म होता है, एक महीने की गर्भवती हो जाती है प्रशासन को पता नहीं है. हमने विधानसभा में प्रदर्शन किए, ब्लॉक, जिला हर स्तर पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किए लेकिन सरकार नींद से नहीं उठी. हर तीन घंटे में एक बालात्कार हो रहा है. ये सरकार छत्तीसगढ़ को यूपी और बिहार बनाने पर तुली है. लेकिन कांग्रेस ऐसा होने नहीं देगी, हम 24 घंटे जनता के लिए लड़ेंगे.
इसके साथ ही दीपक बैज ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव जनता के लिए मुख्यमंत्री बनकर नहीं, भक्षक बनकर काम कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि गृह मंत्री पश्चिम बंगाल पर बयान द रहे हैं, इतनी ही चिंता है तो यहां से इस्तीफा देकर वहां जाकर पद सम्भाल लें. इसके साथ ही बैज ने कहा कि वो आदिवासी जो खुद को आदिवासी नहीं मानते जनजाति मानने वाले बस्तर में जाकर आदिवासियों के लिए बयान दे रहे हैं. इन्हें क्या पता आदिवासियों का संघर्ष क्या है.